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________________ साताधर्मपाल अकृतोगय' इत्यस्य-" अणुपालिज्जा" इत्यनेनावयाद आतोमर्यसयमम् अनुपालयेदित्यपि भगरदार, तथा च सयमस्याऽऽराध्यतया सिरानात् सयमस्य धर्मत्व वो यम् । अपर च-उत्तराध्ययनमूने-"धम्माण कासगो मुह " इत्युक्तम् " धम्माण" धर्माणा श्रुतधर्माणां चारित्रमागा च "कासमो"काश्यपः काश्यपगोत्रीयः श्रीमहावीरवर्धमानस्वामी " मुह " मुख वक्ता पर्वते ।। अहिंसादौ खलु भगरतोऽईत आशा वर्तते, पश्यागमेपु । यथा-आचारागसत्र___ "से घेमि-जे य अतीता, जे य पदुष्पन्ना, जे य आगमिस्सा अरहता भगवतो, ते सव्वेवि एपमाइग्खति ए भासति एस पण्णति एप परवेति'अकुत्तोभय' इस पद का “ अणुपालिला" इस क्रियापद के साथ अन्वय करने से यह अर्थ होता है कि अकुतोभयरूप सयम का पालन करना चाहिये, यह भी जय भगवान को आज्ञा ही है तो इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि भगवान को आज्ञा से सयम आराधन करने लायक होने से धर्म रूप है। अपर च-उत्तरा ययन सूत्र में "धम्माण कासवो मुह" यह कहा है इसका भाव यह है कि श्रुत एव चारित्र धर्मों के मुख-वक्ता-काश्यय गोत्रीय श्री महावीर वर्धमान स्वामी हैं। देखो उन्हो ने आगमों में अहिंसादिक महावतो के पालने का मुमुक्षुओं मोक्षाभिलाषियो के लिये इस प्रकार आजा प्रदान की है "से वेमि-जे य अतीता जे य पड़प्पना जे य आगमिस्सा अरहता भगवतो ते सव्वे वि एवमाइकावति एव भासति एव पण्णवेति एव परुति” सम्वे 'अकुतोभय " म पहने। 'अणुपालिज्जा' मायापहनी साथै अन्य ४२ વાથી આ પ્રમાણે અર્થ થાય છે કે અકુભવ રૂ૫ સયમનું પાલન કરવું જોઈએ આ પણ ભગવાનની જ આજ્ઞા છે તે એનાથી આ વાત સ્પષ્ટ થઈ જાય છે કે ભગવાનની આજ્ઞાથી સમ” આધવા ચગ્ય હોવાથી ધર્મરૂપ छ भने वणी उत्तराध्ययन सूत्र'मा " धम्माण कासवो मुह" मामा નો ઉલ્લેખ છે એનો અર્થ એમ થાય છે કે શ્રુત અને ચારિત્ર ધર્મેના મુખ્ય–વતા-કાશ્યપ ગોત્રીય શ્રી મહાવીર વર્ધમાન સ્વામી છે તેઓશ્રીએ અહિંસા વગેરે મહાવ્રતના પાલન કરનારા મેક્ષ ઈચ્છનારા લોકોને માટે આગમામ આ જીતની આજ્ઞા કરી છે કે – "से मि-जे य अतीता जे य पहुवन्ना जे य आगमिस्सा अरहता भगवती हे सन्चे वि एवमाइस्खति एवं भासति एव पण्ण वि एव । सम्बे
SR No.009330
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1222
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size48 MB
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