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________________ ५७४ ............ पाताधमदाहा घध्यते सः, तथा तोरणानिच सुटितानि यस्याः सा तथा-'मोडियमयदडा' मोटि तध्वज दण्डा-त्रुटित बजकाष्ठा, 'वलयसयसडिया' वलकशतसण्डिता वलगाना= दीर्धदारूणां शतानि खण्डितानि यस्याः सा, 'करफस्स ' करकरेति शाद कुर्वाणा तौव समुद्रे 'विदव-विल्यम् उपगता प्राप्ता जले त्रुडितेत्यर्थः । ततः खलु तस्या नौकायाभियमानायाडिताया सत्या पहब' पुरुषा. 'विउलपाणिय' विषु लपणित-विपुल प्रचुर पणित-पण्यद्रव्य विक्रय द्रव्यम् यस्मिन तत् तादृश भाण्डमादाय ' अतोजलसि' अन्तर्जले जलम ये 'निमनाविय' निमग्नाः रिता अपि चाभूवन् ॥ सु०२॥ मूलम्-तएण ते मागदियदारगा छेया दक्खा पत्तट्ठाकुसला मेहावी णिउणसिप्पोवगया वहुसु पोतवहणतपराएसु कयकरणा लद्धविजयाअमूढा अमूढहत्था एगं मह फलगखड आसादेति, जंसि च ण पदेससि से पोयवहणे विवन्ने तति च णं पदेससि एगे मह रयणदीवे णाम दीवे होत्था अणेगाइ जोयणाइ आयामविक्खभेणं अणेगाइ जोअणाइ परिक्खेवेण तोरणा ) इसके कूपस्तभ और तोरण भग्न हो गये (मोडियमयदडा) ध्वजा दड टूट गया (वलयस खडिया) पडे २ लवे २ सैकडो काष्ठख डित हो गये (करकरस्सतत्येव विद्दव उवगया) और यह कर २ शब्द करती हुई वही पर डूब गई। (तपण तीए णावाए भिजमाणीए बहवे पुरिसा विपुलपणिय भडमायाए अतोजलमि णिमज्जाविय होत्था) इस तरह उस नौका के डूब जाने पर अनेक पुरुष प्रचुरपण्य द्रव्यवाले भाण्ड को लेकर जलके बीच में निमग्न हो गये ॥ सूत्र २ ॥ गया (मोडियझयदडा) a तूटरी गयो ( वलयसयसडिया ) मोटा मारा विuman से 31 ४०४ तूटरी गया (करकररस तस्थेव विद्दव उरगया) અને તે નાવ “કર કર ” શબ કરતી ત્યાં પાણીમાં ડૂબી ગઈ (तएण तीए णापाए भिज्जमागीए वहवे पुरिसा विपुलपणिय भडमायाए अतो जलमि णिमज्जाविय होत्था) આ રીતે નાવ ડૂબી જવાથી ઘણા માણસે પુષ્કળ પ્રમાણમાં દ્રથી ભરેલા વાસણે સાથે પાણીમાં નિમગ્ન થઈ ગયા છે. સૂત્ર “ ૨ ” છે
SR No.009329
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1120
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size34 MB
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