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________________ माताधर्मकथा भभसारे पहाए कयकोउयमगलपायच्छित्ते सव्वालकारविभूसिए हस्थिखंधवरगए सकोरटमल्लदामेण छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामराहि उधुबमाणाहि हयगयरहमया भडचडगर कलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सहि संपरिबुडे मम पायवदए हवमागच्छइ, तएण ददरे सेणियस्स रन्नो एगेणं आसकिसोरएणं वामपाएणं अवकंते समाणे अंतनिग्याइए कए याविहोत्था, तएणं से दद्दरे अत्थामे अवले अवीरिए अपुरिसकारपरकमे अधारणिज्जमित्तिकटु एगंतमवक्कमइ अवक्कमित्ता करयलपरिग्गहिय मत्थए अजलि कटु एव वयासी-नमोऽत्थु णं मम धम्मायरियस्स जाव सपाविउकामस्स पुवि पि य णं मए । समणस्स भगवओ महावीरस्स अतिए थूलए पाणाइए पच्चक्खाए, जाव थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए, त इयाणि पि तस्सेव अतिए सव्व पाणाइवाय पञ्चक्खामि जाव सव्व परिग्गहं पच्चक्खामि जावजीव, सव्व असणं ४ पच्चक्खामि जावजीव जंपि य णं इम सरीर इठ्ठ कत जाव मा फुसतु एयपि णं चरिमेहिं ऊसासेहिं वोसिरामित्तिकद्द, वोसिरइ तएणददरेकालमासे काल किच्चा जाव सोहम्मे कप्पे दद्दरवडिसए विमाणे उववायसभाए ददरेदेवत्ताए उववन्ने, एव खलु गोयमा । दद्दरेणं सा दिव्वा देविड्डी लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया। ददुरस्त णं भते । देवस्स केवइयकाल ठिई पण्णत्ता ? गोयमा | चत्तारि पलि ओवमाइ ठिई पण्णत्ता, से ण भंते । दद्दुरे देवे ताप
SR No.009329
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1120
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size34 MB
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