SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 558
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - १ | २ | ३ | ४ भगवतीने ५ ६ ७ ८ ९ १० ११ १२ | १३ | १४ | - ।। जघन्योत्कृष्टयोगयोरल्पबहुत्वकोष्टकम् ॥ सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त वादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त दीन्द्रिय अपर्याप्त द्वीन्द्रिय पर्याप्त श्रीन्द्रिय अपर्याप्त त्रीन्द्रिय पर्याप्त चतुरिन्द्रिय अपर्याप्त चतुरिन्द्रिय पर्याप्त असंज्ञीपञ्चेन्द्रिय अपर्याप्त असंज्ञीपञ्चन्द्रिय पर्याप्त संज्ञीपञ्चेन्द्रियः अपर्याप्त संज्ञीपञ्चेन्द्रिय पर्याप्त जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य | जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य जघन्य १४ १८ | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट । उत्कृष्ट | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट । उत्कृष्ट । | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट उत्कृष्ट | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट | उत्कृष्ट १ । '२४ । २०२५ - २१ - २६ २२ २८
SR No.009325
Book TitleBhagwati Sutra Part 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages972
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size59 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy