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________________ प्रथमद्रिका डीका रॉ० १२ ४० सू० १ परमाणुपुङ्गलनिरूपणम् नैरयिकाणां पृथिवीकायिकत्वावस्थायाम् औदारिकपुद्गलपरावर्तप्ररूपणम्, औदा रिकपुद्गलपरावर्तस्य हेतुस्वरूपनिरूपणम्, औदारिकपुद्गलपरावर्त्तस्य निष्पतिकालनिरूपणम्, औदारिकपुद्गलपरावर्तकालस्य अल्पबहुत्वादिकप्ररूपणम्, पुद्गल परावर्तस्य अल्पबहुत्वादिकप्ररूपणंच । पुद्गल वक्तव्यताप्रस्तावः मूलम् - रायगिहे जाव एवं वयासी- दो भंते! परमाणुपोग्गला एओ साहन्नति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवइ ? गोयमा ! दुप्पएसिए खंधे भवइ से भिज्जमाणे दुहा कज्जइ, एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोग्गले भवइ । तिन्नि भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवइ ? गोयमा ! तिपएसिए खंधे भवइ, से भिज़माणे दुहा वितिहा वि, कजइ, दुहा कर्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे, पोग्गला भवंति । चत्तारि भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, जाव पुच्छा, गोयमा ! चउपए सिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहा वि, तिहा वि, चउहा वि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुयोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो इस प्रश्न का उत्तर नैरयिक के पृथिवीकायिक की अवस्था में औदारिक पुद्गलपरावर्त का प्ररूपण औदारिक पुद्गलपरावर्त के हेतु के स्वरूप निरूपण औदारिकपुलपरावर्त की निष्पत्ति के काल का निरूपण, औदारिक पुद्गल परावर्त काल के अल्प बहुत्वादिक का प्ररूपण, पुद्गलपरावर्त के अल्पबहुत्वादिक का प्ररूपण । · કિ પુદ્ગલપરાવર્તની પ્રરૂપણા–ઔદારિક પુદ્ગલપરાવત ના હેતુના સ્વરૂપનુ નિરૂપણુ—મૌટ્ટારિક પુદ્ગલપરાવતની નિષ્પત્તિના કાળનું નિરૂપણ ઔદારિક પુદ્ગલપરાવત કાળના અપમહુવ આદિનું કથન-પુદ્ગલપરાવતના અલ્પમહુ આદિની પ્રરૂપણા.
SR No.009320
Book TitleBhagwati Sutra Part 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages743
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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