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________________ - २२४ भगवती त्रोपकरणानिच विलसन्ति, अथ च 'अप्पणोऽवि य णं चंदे जोइसिंदे, जोइसराया सोमे, कंते, सुभए, पियदंसणे, सुरूवे, से तेणटेणं जाव ससी' आत्माना स्वयमपिच खलु चन्द्रो ज्योतिपिकेन्द्रः ज्योतिषिकराजः, सौम्यः, भद्रः, कान्त:-कान्तिशाली, सुभगः-सौभाग्यशालित्वात् लोकप्रियः, प्रियदर्शन:-परमाहादकः, यता-सुरूपःपरमसुन्दरश्च वर्तते, तव तेनार्थेन तेन कारणेन यावत् एवमुच्यते-चन्द्रः सश्री:सहश्रिया वर्तते यः स सश्रीरिति, तदीयदेवदेवीमभृतीनां, स्वस्य च कान्त्यादि. युक्तत्वादिति भावः। प्राकृतापेक्षया 'ससी' इति सिद्धम् ॥ २॥ सूर्यस्य आदित्यनामान्वर्थतावक्तव्यता मूलम्--"से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-सूरे आइच्चे, सूरे . आइच्चे? गोयमा! सूरादिया णं समयाइ वा, आवलियाइ वा, जाव उस्तप्पिणीइ वा, अबसप्पिणीइ वा, से तेगडेणं जाव आइच्चे ॥सू०३।। आदि उपकरण सदा सुहावने यने रहते हैं और अप्पणो वि य णं चंदे जोइसिंदे जोइसराया सोमे कंते, सुभए, पियदसणे, सुरूवे, से तेणटेणं जाव ससी' स्वयं ज्योतिषिक इन्द्र और ज्योतिषिक राजा चन्द्र भी सौम्य-भद्र है, कान्त-कान्तिशाली है, सुभग-सौभाग्यशाली होने से लोक प्रिय है, प्रियदर्शन-परम आह्लादकारक है, और इसी से वह परमसुन्दर है इस कारण हे गौतम ! चन्द्र 'सश्री श्री-शोभा सहित इसलिये वह 'सश्री' है ऐसा कहा गया है तात्पर्य कहने का यही है कि चन्द्र देव की देवदेवियां आदि सब चीजे कान्त्यादि युक्त हैं और चन्द्र स्वयं भी कान्ति आदि से युक्त है-इसलिये चन्द्र को 'सश्री' ऐसा सार्थक नाम से अभिहित किया गया है ॥सू०२॥ च जोइसिंदे जोइसराया सोमे, कंते, सुभए, पियदंबणे, सुरूवे, से तेणटेणं जाव ससी" ल्यातिबिन्द्र, व्यतिषि8 २४ यन्द्र पाते ५९ सौभ्य (1), आन्त (न्तियुत), सुमर (सौभाग्य पन्न) भने प्रियशन (नुशन अन આહુલાદજનક થઈ પડે એ) હોવાથી અતિશય સુંદર છે તે કારણે, તે गौतम! यन्द्रने सश्री" (नायुत) ४ामा भाव छ. मा भरत કથનને ભાવાર્થ એ છે કે ચન્દ્રદેવની દેવદેવીઓ આદિ સમસ્ત ચીજ કાન્તિ આદિથી ચુકત છે અને ચન્દ્ર પિતે પણ કાન્તિ આદિથી યુક્ત છે, તેથી ચન્દ્રને “સી” એવી સાર્થક નામસંજ્ઞા આપવામાં આવી છે. સૂરા
SR No.009320
Book TitleBhagwati Sutra Part 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages743
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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