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________________ १२८ भगवतीस्त्र मध्यान्तिकमुहः च अस्तमनमुहूर्ते च सर्वत्र समौ उच्चत्वेन ? हन्त, गौतम ! जम् द्वीपे खलु दीपे सूर्यो उद्गमन० यावत् उच्चत्वेन । यदि खलु भदन्त ! जम्बूद्वीपे द्वोपे सूयौं उग्गमनमुहूर्ते च मध्यान्तिकमुहूर्ते च अरतमनमुहूर्ते च मूले यावत् सूर्य उदय होने के समय दूर होने पर भी पास में दिखते हैं, मध्याहकाल में पास होने पर भी दूर दिखते हैं, और अस्त होने के समय दूर होने पर भी पास में दिखते हैं । (जवुद्दीवे णं भंते ! दीवे भूरिया उग्गमणमुहुत्तसि मज्झति य मुहुत्तंसि य अत्यमणमुहुर्तसि य सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं) हे भदन्त ! जंबूदीप नामके द्वीप में दो सूर्य उदय होने के समय में, मध्याह्नसमय में एवं अस्त होनेके समय में सर्वत्र ऊचाई की अपेक्षा समान दिखते हैं क्या ? (हंता गोयमा ! ) हां गौतम ! (जंबुदीवे णं दीवे सूरिया उग्गमण जाव उच्चत्तेण ) जंबूद्वीप नामके द्वीप में दो सूर्य उदय होने के समय, मध्याह्न के समय एवं अस्त होने के समय ऊँचाई की अपेक्षा समान दिखते हैं। (जइ णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे सूरिया उग्गमणहुत्तलि य मज्झंतियमुहुत्तसि य, अस्थमणमुहुत्तसि य मूले जाव उच्चत्तेणं से केणं खाइ अहे णं भंते । एवं वुच्चइ, जं. हीवेणं दीवे स्टूरिया उग्गमणमुहुसि दुरे य, मूळे य दीसंति जाव अत्थामणराहुत्तसि दूरे य, मूले य दीसंति) हे भदन्त ! जंबूद्वीप नाम के द्वीप में दो सूर्य उद्य होने के समय में, मध्याह्न के समय में, एवं अस्त દ્વિીપમાં બે સૂર્ય ઉદય પામતી વખતે દૂર હોવા છતાં પણ પાસે દેખાય છે, મધ્યાહ્નકાળે પાસે હોવા છતાં પણ દર દેખાય છે અને અસ્ત પામતી વખતે દૂર હોવા છતાં પણ પાસે દેખાય છે. (जवुद्दीवेणं भंते ! दीवे सूरिया उग्गमणमुहुर्तसि मज्ज्ञ ति य मुहुत्तमि य अत्थमणमुहुत्तसि य सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं ? ) महन्त ! भूदीय नामना દ્વીપમાં બે સૂર્ય ઉદય સમયે, મધ્યાહ્નકાળે તથા અસ્તકાળે શું સર્વત્ર સમાન याय हाय छे ? (हंता गोयमा ! ) , गौतम । (जबुद्दीवेणं दीवे सुरिया उगमण जाव उच्चत्तेणं ) द्वीप नामना द्वीपमा में सूर्य लक्ष्य थती मते मध्याहाणे तथा मस्त समये सर्वत्र समान या डाय छे. (जइणं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे सूरिया उगगमणमुहुत्तंसि य मज्झति य मुहुत्तसि य, अत्थमणमुहुत्तंसि य मूळे जाव उच्चत्तेणं से केणं खाइ अट्टणं भंते ! एवं वुच्चइ, जवुद्दीवेणं दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंति दूरे य, मूले य दीसंति जाब अत्यमणमुहत्तंसि दूरे य, मुले य दीसंति ?) 8 महन्त ! भूद्वी५ नामनामे दीपभा में सूर्य उध्य पामती
SR No.009317
Book TitleBhagwati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages784
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size46 MB
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