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________________ भगवतीसूत्रे सुकाभिजातीया भविया, भवित्ता, कालमासे कालं किच्चा अन्नरेसु देवलोपसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति ॥ सू० ३ ॥ छाया - आजीविकसमयस्य खलु अयमर्थः प्रज्ञप्तः - अक्षीणपरिभोगिनः सर्वे सत्वाः, ततः छत्वा, छित्वा, भित्वा, लुप्वा, विलुप्य, अपद्राव्य, आहारमाहारयन्ति तत्र खल इमे द्वादश आजीविकोपासका भवन्ति, तद्यथा - १ तालः, २ - तालप्रलम्बः, ३ - उदविधः ४ - संविधः ५अवविधः ६ उदयः ७ नामोआजीविक सिद्धान्त वकव्यता " ६४६ आजीविय समयस्स णं अयमट्ठे पण्णत्ते इत्यादि । 'सूत्रार्थ - (आजीवियसमयस्स णं अयमठ्ठे पण्णत्ते) आजीविक गोशालक सिद्धान्तका यह अर्थ कहा जाता है (अक्खीणपडिभोइणो सव्वे सत्ता से हंता छेता भेत्ता लुंपित्ता, विलुंपित्ता उदयइत्ता आहारमाहारे ति) सर्व सत्व अक्षीण परिभोगीसचित्ताहारी हैं। इस कारण वे लकडी वगैरह से हनन करके, तलवार आदिले छेद करके, शूल आदिले भेद करके, पंख आदिको उखाड करके, खाल आदिको काट करके खाने योग्य जन्तुको इस प्रकार विनष्ट करके खाते हैं । ( तत्थ खलु इमे दुवालसआजीवियोवामगा भवंति ) आजीविक सिद्धान्त में ये १२ आजिविकोपासक (श्रावक) कहे गये हैं । (तं जहा) जो इस प्रकार से हैं- (ताले १, तालपलंने २, उन्दिहे ३, संविहे ४, अविहे ५, उदए ६, नामुद ७, सुदए ८, अणुवालए ९, संखवालए १०, अयंपुले ११, આવિક સિદ્ધાંત વક્તવ્યતા ' आजीवियसमयस्स णं अयमद्वे पण्णत्ते ' त्याहि सूत्रार्थ - (आर्जीवियसमयस्स णं अयमट्ठे पण्णत्ते) मालविङ (गोशास४) स अहायना सिद्धांतना आ प्रभाऐ अर्थ अथवामां आव्यो छे- ( अक्खीणपडिभोइणो सन्वे सत्ता से इंता, छेत्ता भेत्ता पिता, बिलुपिता, उद्दवइत्ता आहारमाहारेंति ) બધાં પ્રાણી અક્ષીણુપરભાગી-સચિત્તાહારી છે. તેથી તેમને લાકડી આદિથી મારીને, તલવાર આદિથી છેદીને, શૂળ આદિથી ભેદીને, પાંખ આદિને ઉખાડીને, ચમ માદિને उतारीने तेथे। आहारना उपयोगभां से छे. ( तत्थ खलु इमे दुवालसआजीवियोवासमा भवंति ) कवि सिद्धांतमां मार खाकविशेयास (श्राव5) ४था छे. ( तं जहा ) ' तेमनां नाम मा प्रभा - (ताले १, तालपल वे २, उबिहे ३, संविहे ४, भवि ५, उदए ६, नामुद ७, णमुदए ८, अणुवालए ९, संखवालए
SR No.009316
Book TitleBhagwati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages811
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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