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________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका. श.८ उ.५ सु.२ स्थूलपाणातिपातादिप्रत्याख्यान नि० ६०९ मनसा कायेन, ३७ अथवा न कारयति वचसा कायेन, ३८ अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा वचसा, ३९ अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा कायेन, ४० अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति. वचसा कायेन, ४१ एकविधम् एकविधेन प्रतिक्रामन् न करोति मनमा, ४२ अथवा न करोति वचसा, ४३ अथवा न करोति कायेन, ४४ अथवा न कारयति मनसा, ४५ अथवा न कारयति वचसा, ४६ अथवा न कारयति कायेन, ४७ अथवा कुर्वन्तं यह मनसे और कायसे नहीं करवाता है । (अहवा न कारवेइ वयसा कायसा ३७) अथवा वह वचनसे और कायसे नहीं करवाता है। (अहवा करतं णाणुजाणइ मणसा वयसा ३८) अथवा वह करते हुवे की मनसे और वचनसे अनुमोदना नहीं करता है। (अहवा करतं णाणुजाणइ मणसा कायसा ३९) अथवा करते हुवे की वह मनसे और कायसे अनुमोदना नहीं करता है । (अहवा करतं नाणुजाण वयसा कायसा ४०) अथवा करते हुवे की वह वचनसे और कायसे अनुमोदना नहीं करता है (एगविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ मणसा ४१) जब वह एक प्रकारसे एक प्रकार के प्राणातिपातका प्रतिक्रमण करता है तब वह मनसे उसे नहीं करता है । (अहवा न करेइ वयसा ४२) अथवा वह वचनसे उसे नहीं करता है । (अहवा न करेइ कायसा ४३) अथवा वह कायसे नहीं करता है (अहवा न कारवेइ सणसा ४४) अथवा वह मनसे नहीं करवाता है । (अहवा न कारवेद वयसा मने आयायी ते प्रातिपात शक्त। नथी (अहवा न कारवेइ वयसा कायसो ३७) अथवा त क्यनथी मने आयाथी आशातिपात रावत नथी ( अहवा करेंतं णाणु. जाणइ मणसा क्यसा ३८ ) भयका भनयी मन पयनयी त प्रातिपात ४२नारनी भनुमहिना ४रता नथी. (अहवा करेतं णाणुजाणइ मणसा कायसा ३९) मया भनयी मने याथी प्रातिपात ४२नारनी ते मनुभाहना र नथी. ( अहवा करेत णाणुजाणइ वयसा कायसा ४०) अथवा ते क्यन मने याथा प्रातिपात ४२नारनी भानुभोना तो नथी (एगविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ मणसा४१) न्यारे ; એક પ્રકારે એક પ્રકારના પ્રાણુતિપાતનું પ્રતિક્રમણ કરે છે, ત્યારે મનથી તે પ્રાણાતિપાત ४२. नथी. (अहवा न करेइ वयसा ४२) अथवा ते क्यनथा प्रायतिपात ४२di नया. (अहवा न करेइ कायसा ४३ ) मया या त प्राप्यातिपात ४२. नथ ( अहवा न कारवेइ मणसा ४४) भयपा भनथी त प्रातिपात ४२शवत नथी. . ( अहवा न कारवेइ वयसा ४५) अथवा क्यनया प्रातिपात पता नथी.
SR No.009316
Book TitleBhagwati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages811
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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