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________________ भगवती सूत्रे २०० छाया - यदि मिश्रपरिणतं किम् मनोमिश्रपरिणत, वचोमिश्रपरिणतं कायमिश्रपरिणतम् ?, गौतम ! मनोमिश्रपरिणतं वा वचोमिश्रपरिणत वा कायमिश्र - परिणत वा । यदि मनोमिश्रपरिणत किं सत्यमनोमिश्रपरिणतं मृपामनोमिश्रपरिणत वा, यथा प्रयोगपरिणत तथा मिश्रपरिणतमपि भणितव्यम् निरवशेष यावत् पर्याप्तसर्वार्थसिद्धानुत्तरौपपातिक यावत् - देवपञ्चेन्द्रियकार्मण शरीरमिश्रपरिणत वा, अपर्याप्त कसर्वार्थसिद्धानुत्तरौपपातिक यावत् - कार्मणशरीर मिश्र परिणत वा ७ ॥ सु. १९॥ " जइ मीसापरिणए किं मणमीसापरिणए' इत्यादि । सूत्रार्थ - (जड़ मीसापरिणए किं मणमीसापरिणए, वयमीसापरिणए, कायमा परिणए) हे भदन्त ! जो वह द्रव्यमिश्रपरिणत होता है तो क्या वह द्रव्यमनोमिश्रपरिणत होता है ? या वचनमिश्रपरिणत होता है ? या कायमिश्रपरिणत होता है ? (गोयसा) हे गौतम ! (मणमीसापरिणए वा, वयमीसापरिणए वा कायसीसापरिणए वा) वह द्रव्य मनोमिश्रपरिणत भी होता है वचनमिश्रपरिणत भी होता है और कायमिपरिणत भी होता है । (जइ मणमीसापरिणए, किं सचमणमीसा परिणए वा, मोसमणमीसापरिणए वा) हे भदन्त ! यदि वह एक द्रव्य मनोमिश्रपरिणत होता है, तो क्या वह सत्यमनोमिश्रपरिणत होता है, या मुषामनोमिश्रपरिणत होता है, (जहा पओगपरिणए तहा'मीसापरिणए वि भाणियव्वं निरवसेसं जान पज्जत्तसव्वट्टसिद्ध अणुविवाइय जाव देवपंचिदियकम्मासरीरंग मीसापरिणए वा, अपज्जत " to मीसापरिणए कि नणमीसा परिणए' त्याहि सूत्रार्थ - ( जइ मीसापरिणए किं मणमीसापरिणए, वयमीसापरिणए, कायमी सापरिणए ? ) हे लहन्त ! ले ते द्रव्य मिश्रपरिणत होय छे, तो शुद्ध ते મનેામિશ્રપરિણત હેાય છે? કે વચનમિશ્રપરિણત હાય છે? કાયમિશ્રપરિણત હાય છે? ( गोंयमा ! ) हे गौतम ' ( मणमीसापरिणए वा, वयमीसा परिणए वा, कायमीसा परिणए वा) ते द्रव्य भनमिश्रपरित चालु होय छे, वयनमिश्रपरिषुत होम अभिश्रपरित यशु होय छे. ( जड़ मणमीसापरिणए, कं सच्चमणभीसापरिणए वा, मोसमणमीसापरिणए वा ? ) हे अहन्त ! ते એક દ્રવ્ય મનેામિશ્રપરિત હાય છે, તે શું તે સત્યમનેમિશ્ર પરિણત હાય છે, કે મૃષામનેામિશ્ર પરિજીત હાય : ( जहा पओगपरिणए तहा मीसापरिणए वि भाणियन्वं निरवसेसं जाव पज्जत्तसन्नट्टसिद्ध अणुत्तरोववाइय जाव देवपचिंदिय
SR No.009316
Book TitleBhagwati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages811
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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