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________________ - प्रमेयचन्द्रिका टीका श.७ उ.७ सू.२ कामभोगनिरूपणम् भगवानाह-'गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा कामभोगी, नो कामी नो भोगी अणंतगुणा, भोगी अणंतगुणा' हे गौतम ! सर्व स्तोकाः जीवाः कामभोगिनो भवन्ति ते च चतुरिन्द्रियाः पञ्चेन्द्रियाश्च सन्ति, अतएव कामभोगिनः सर्वेभ्योऽल्पाः । अथ च नो कामिनो नो भोगिनश्व सिद्धाः प्रागुक्तभ्यश्चतुरिन्द्रिय पञ्चेन्द्रियेभ्योऽनन्तगुणा भनन्ति । अथ च केवलं भोगिन एकद्वितीन्द्रियास्तेभ्यः सिद्धेभ्योऽनन्तगुणा भवन्ति, वनस्पतीनामनन्तगुणत्वात् ॥ ० २ ॥ हैं ? इसके उत्तरमें प्रभु उनसे कहते हैं 'गोथमा' हे गौतम ! 'सबस्थोवा जीवा कामभोगी, नोकामी नोभोगी, अणंतगुणा, भोगी अणतः गुणा' सबसे कमजीव तो कामभोगी हैं । जो जीव नोकामी और नोलोगी हैं वे इनकी अपेक्षा अनन्त गुने हैं । तथा जो भोगी जीव वे इनकी अपेक्षा भी अनन्त गुने हैं। सबसे कम कामभोगी जोव हैं ऐसा जो कहा गया है वह चौइन्द्रिय और पंचेन्द्रिय जीवोंको लेकर कहा गया है क्योंकि ये ही कामभोगी हैं। इनके अतिरिक्त जो सिद्धजीव हैं वे न काली होते हैं और न भोगी होते हैं अतः वे नो कासी नो भोगी हैं ऐसे ये जीव चौइन्द्रिय और पंचेन्द्रियजीवोंकी अपेक्षा अनन्तगुणे हैं । तथा केवल जो भोगी ही हैं, वे एकेन्द्रिय दो इन्द्रिय और तेइन्द्रिय जीव हैं ये जीव सिद्धोंसे भी अनन्तगुणे होते हैं। क्योंकि एकेन्द्रिय वनस्पति कायिक जीवोंका प्रमाण अनन्तगुणा कहा गया है ॥ २ ॥ उत्तर- गोयमा ' हे गौतम ! 'सव्वत्थोवा जीवा कामभोगी नो कामी नो भोगी अणंतगुणा, भोगी अणंतशुणा मिना । सौथा माछांछे કામભોગી કરતા ને કામી અને ને ભાગી છો અનત ગણું છે. અને ભગી જીવો તે ને કામી અને ને ભેગી કરતા પણ અનંતગણું છે, કામગી છે સૌથી ઓછા કહ્યા છે કારણ કે ચતુરિન્દ્રિ અને પંચેન્દ્રિય જીવ જ કામ ભોગી હોય છે જે સિદ્ધજીવે. હોય છે તે કામી પણ હોતા નથી અને ભેગી પણ હોતા નથી. એવાં ને કામી અને ને ભેગી જેની સંખ્યા ચતુરિન્દ્રિય અને ૫ ચેન્દ્રિય જીવ કરતા અનંતગણું કહી છે, એકેન્દ્રિય, ઢિીદ્રિય અને ત્રીન્દ્રિજીવો ભોગી હોય છે એ સિદ્ધો કરતા પણ અનતગણ હોય છે, કારણ કે એકેન્દ્રિય વનસ્પતિકાચિક નુ પ્રમાણ અનંતગણુ કહ્યુ છે સુરા
SR No.009315
Book TitleBhagwati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages880
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size50 MB
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