SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 967
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ૨૫૪ भगवती सूत्रे सपए से अपएसे ? गोयमा ! सिय सपएसे. लिय अपएसे, एवं जाव - सिद्धे । जीवा णं भंते ! - कालादेसेणं किं सपएसा, अपएसा ? गोयमा ! नियमा सपएसा । नेरइया णं भंते ! कालादेसेणं किं सपएसा, अपएसा ? गोयमा ! सब्वे वि तात्र होजा सपएसा अहवा सपएसा य, अपएसे य, अहवा सपएसा य अपएसा य, एवं असुरकुमारा जाव थणियकुमारा । पुढवीकाइयाणं भंते! किं सपएसा, अपएसा ? गोयमा ! सपएसा वि, अपएसा वि, एवं जाव - वणस्सकाइया, सेसा जहा नेरइया तहा, जाव - सिद्धा, आहारगाणं जीव - एगिंदियवज्जो तियभंगो । अणाहारगाणं जीवेगिंदियवज्जा छन्भंगा एवं भाणियव्वा - सपएसा, अपएसा २, अहवा सपएसे य, अपएसेय ३, अहवा सपए से य अपएसाय ४, अहवा सपएसा य अपएसे य, अहवा सपएसा य अपएसा य, सिद्धेहिं तियभंगो। भवसि - द्विया, अभवसिद्धिया, जहा - ओहिया । णोभवसिद्धिय - णोअभवसिद्धियजीवसिद्धेहिं तियभंगो । सन्नीहिं जीवाइओ तियभंगो । असन्नीहिं एगिंदियवज्जो तियभंगो । नेरइय-देवम एहि छन्भंगो | णोसन्नि - णोअसन्नि - जीवमणुयसिद्धेहि तियभंगो । सलेसा जहा ओहिया । कण्हलेस्सा, नीललेस्सा, काउलेस्सा जहा आहारओ, नवरं जस्स अस्थि एयाओ । तेउलेस्साए जीवाइओ तियभंगो, नवरं - पुढविक्काइएसु, आउवणस्सईसु छ-भंगा । पम्हलेस्स- सुक्क लेस्साए जीवाइओ तिय
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy