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________________ भगवतीसूत्र ૨ प्रतिपादयति-' से णूणं भंते ! ' इत्यादि । मूलम् - से णूणं भंते! महाकस्मस्स. महाकिरियस्स महासवस्स, महावेयणस्स सव्वओ पोग्गला बज्झति, सव्वओ पोग्गला चिज्जंति, सओ पोग्गला उवंचिज्जति । सया समिअं पोग्गला बज्झंति, सयासमियं पोग्गला चिज्जंति, सया समियं पोग्गला उवचिजंति, सया समियं चं णं तस्स आया दूरूवत्ताए, दुव्वण्णत्ताए, दुग्गंधत्ताए, दूरसन्ताए, दुष्फासत्ताए, अणिट्ठत्ताए, अकंत-अप्पियअसुभ अमणुन्न-अमणामत्ताए, अणिव्वच्छियत्ताए, अभिज्झियत्ताए, अहत्ताए णो उड्डत्ताए, दुक्खत्ताए नो सुहत्ताए, भुज्जो भुज्जो परिणमइ ? | हंता, गोयमा ! महाकम्मस्स तं चैव । से केणट्टें० ? गोयमा ! से जहा नामए वत्थस्स अहयस्स वा, धोयस्स वा, तंतुग्गयस्स वा आणुपुवीए परिभुजमाणस्स सव्वओ पोग्गला बज्झंति, सव्वओ पोग्गला चिजंति, जाव-परिणमइ, से तेणट्टेणं० । से णूणं भंते ! अप्पकम्मस्स, अप्पकिरियरस, अप्पासवस्स अप्पवेयणस्स सव्वओ पोग्गला भिज्नंति, सव्वओ पोग्गला छिनंति, सव्वओ पोग्गला विद्धसंति, सव्वओ पोग्गला परिविद्धंसंति, सया समियं पोग्गला भिजंति, सया समियं पोग्गला छिजंति, विद्धस्संति, परिवि संति, सया समियं च णं तस्स आया सुरुवत्ताए पसत्थं नेयव्वं, जाव- सुहत्ताए णो दुक्खत्ताए भुजो भुज्जो परिणमइ ? हंता गोयमा ! जाव- परिणमइ । से केणट्टेणं० ? गोयमा ! से जहा नामए वत्थस्स जल्लियस्स वा, पंकियस्स वा, मइलियम्स
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
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