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________________ भगवतीसूखे भदन्त ! वियन्तं कालं सोपच्याः ? गौतम ! जघन्येन एकं समयम् , उत्कर्षण अप्ट समयान् । कियन्तं कालं निरुपचय-निरपचयाः ? जघन्येन एक समयम् , उत्कर्षेण षड् मासान् , तदेवं भदन्त ॥ सू० ३ ॥ टीका-'जीवाण भंते ! किं सोपचया, सावचया' हे भदन्त ! जीवाः खलु किम् उत्कृष्ट आवलिका के असंख्याता भाग है। (अवटिएहिं वक्कंतिकालो भाणियन्वो) अवस्थितों में व्युत्क्रान्तिकाल कहना चाहिये। (सिद्धा णं भंते ! केवइयं कालं सोवचया) हे भदन्त ! सिद्ध कितने फालतक सोपचय रहते हैं ? (गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उकोसेणं अट्ठसमया) हे गौतम ! सिद्ध जघन्य से एक समय तक और उत्कृष्ट से आठ समयतक सोपचय रहते हैं। (केवइयं कालं निरुवचय-निरवचया) हे भदन्त ! सिद्ध कितने कालतक निरुपचय और निरपचय बने रहते हैं ? ( जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा-सेवं भंते । सेवं भंते !) हे गौतम ! सिद्ध जघन्य से एक समय तक और उत्कृष्ट से छमास तक निरुपचय और निरपचय बने रहते हैं। हे भदन्त ! जैसा आपने कहा है वह सब ऐसा ही है-हे भदन्त ! वह सब ऐसा ही है। टीकार्थ-यहां सूत्रकार पुनः जीवके विषय में ही प्रकारान्तरसे कथन कर रहे हैं-इसमें गौतम ने प्रभु से ऐसा पूछा है कि (जीवा गं भंते! भावसिना मसच्यातमा सा प्रभाय धो छ ( अवट्टिएहि वक्कतिकालो भाणियव्वो) मपस्थितामा युतिstom ४ नये. (सिद्धाण भंते ! केवइय काल सोवचया १) महन्त ! सिद्ध परमात्मा स . सुधी उपययास २ छ ? गोयमा ! जहण्णेण एक्कं समय उक्कोसेण अटुसमयो ) હે ગૌતમ! તેઓ ઓછામાં ઓછા એક સમય સુધી અને વધારેમાં વધારે मा समय सुधी ५-यय युटत २९ छे. ( केवइय काल निरुवचय-निरवचया ? હે ભદન્ત ! સિદ્ધ પરમાત્માએ કેટલા કાળ સુધી ઉપચય-અપચયથી રહિત २९ छे १ जहण्णेण एक समय', उक्कोसेण छम्मासा) गौतम ! सिद्ध પરમાત્માએ ઓછામાં ઓછા એક સમય સુધી અને વધારેમાં વધારે છ માસ सुधी यय-मप-ययथी २हित २ छ. ( सेवं भते ! सेवं भंते !) BHEd! આપની વાત સાચી છે. હે ભદન્ત! આપે આ વિષયનું જે પ્રતિપાદન કર્યું छ त यथार्थ छ. ટીકાથ–સૂત્રકાર છના વિષયમાં અન્ય પ્રકારે નિરૂપણ કરવા માટે નીચેના પ્રશ્નોત્તરરૂપ કથન કરે છે–ગૌતમ સ્વામી મહાવીર પ્રભુને પૂછે છે કે
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
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