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________________ भगवतीसूत्रे - ४५२ खलु भदन्त ! स्कन्धः एजते ? गौतम ! स्याद् एजते, १ स्याद नो एजते, २ स्याद् देशः एजते नो देश एजते, ३ स्याद् देश एजते-नो देशी एजेते, ४ स्याद देशौ एजते-नो देशः एजते, ५। चतुष्पदेशिकः खलु भदन्त ! स्कन्धः एजते ? गौतम ! स्याद् एजते, १ स्याद् नो एजते, २ स्यादेशः एजते-नो देशः एजते, ३ स्याद् देशः एजते-नो देशाः एजन्ते, ४ स्याद् देशाः एजन्ते, नो देशः एजते, कभी वह नहीं भी कंपित होता है और उस उस भावरूप से कभी वह नहीं भी परिणमता है ।(लिय देसे एयइ सिय देसे नो एयइ)कभी कभी उसका एकदेश कंपित होता है और एकदेश कंपित नहीं होता है। (तिप्पएलिए णं भंते ! खंधे एयह० ) है भदन्त ! तीन प्रदेशवाला स्कंध कंपता है क्या ? (गोयमा ) हे गौतम (सिय एयइ, सिय नो एयइ, सिय देसे एयइ नो देसे एथइ ) कंपत्ता भी है और नहीं भी कंपता है । उसका कभी एक देश भी कंपता है और एकदेश नहीं कंपता है । (सिथ देसे एयइ नो देसा एयंति ) कभी उसका एकदेश कंपता है, अनेक देश नहीं कंपते हैं। (सिय देसा एयति नो देसे एयह ) कभी उसके अनेक देश कंपते हैं, एकदेश नहीं कपता है। (चउप्पएसिए णं भंते ! खंधे एयइ ) हे भदन्त चार प्रदेशों वाला स्कन्ध कंपता है क्या ? (गोधमा ) हे गौतम । (सिय एयइ, सिय नो एयइ सिय देसे एयह णो देसे एयइ, सिय देसे एयइ णो देसा एयंति, सिय देसा एयति नो देसे एयइ, सिय देसा एयंति णो देसा एयंति.) चार प्रदेशों पर तो नथी अन ते ते माप परिशमता ५ नथी. (सिय देसे एयइ, सिय देसे नो एयइ) या२४ तेनी मे (भाग) :पित थाय छ, मने मे हेश पित थत नथी (तिप्पएसिए णं भंते ! खधे एयइ०) महन्त ! शु ऋणु प्रशवाणाचे छ भरे। १ (गोयमा ! सिय एयइ, सिय नो एयइ, सिय देसे एयइ, नो देसे एयइ) गौतम ! छ म. गले नथी પણ કંપ-કયારેક તેને એક દેશ જ કરે છે અને કયારેક એક દેશ પણ पता नथी. (सिय देसे एयइ, नो देखा एयति ) या२४ तन मे देश ४ छ मन मने देश ४ पता नथी, (सिय देसा. एयति, नो देसे एयइ ) या३४ तेना भने देश ४ छे, मे देश ४ पता नथी. (चउप्पएसिए णं भंते ! खंधे एयइ) महन्त । यार प्रशावाणे ४४ छ ५३॥ ? (गोयमा !.,सिय एयइ, सिय नो एयइ, सिय ईसे एयइ णो देसे एयइ, सिय देसे पयइ, णो देसा एयंति, सिय देखा एयति नो देसे एयइ, सिय देसा एयति णो देखा, एयति.)
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
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