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________________ - . . . . . . भगवतीसूने कि आरंभिया किरिया कज्जइ, जाव-मिच्छादसणकिरिया कज्जइ ? कइयस्स वा ताओ भंडाओ, किं आरंभिया किरिया कज्जइ, जाव-मिच्छादसणकिरिया कज्जइ ? गोयमा! गाहा वइस्स ताओ भंडाओआरंभिया किरिया कज्जइ, जावअपच्चक्खाणकिरिया मिच्छादसण वत्तिया किरिया सिय कजइ सिय णो कज्जइ, कइयस्स ताओ सव्वाओ पयणुई भवति । गाहा वइस्लणं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स,जाव-भंडेयसे उवणीए सिया, कइयस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ किं आरंभिया किरिया कज्जइ ? जाव--मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेडि. लाओ चत्तारि किरियाओ कज्जंति, मिच्छादसणवत्तिया किरिया भयणाए, गाहावइस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुई भवति । गाहावइस्स णं भंते ! भंडे जाव-धणे य से अणुवणीए सिया ? ए यं पि जहा भंडे उवणीए तहा नेयवं चउत्थो आलावगो, धणेय से उवणीए सिया जहा-पढमो आलावगो, भंडेय से अणुवीए सिया तहा नेयव्वो पढमचउत्थाणं एक्को गमो, बितिय-तइयाणं एक्को गमो। अगणिकाएणं भंते ! अहुणोज्जलिए समाणे महाकम्मतराए चेव, महाकिरियतराए महासवतराए महावेयणतराए चेव भवइ, अहेणं समए समए वोक्कसिज्जमाणे२, चरिमकाल समयंसि इंगालन्भूए, मुम्मुरब्भूए, छारियभूए, तोपच्छा अप्पकम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
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