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________________ 500 - - - - भगवती कम् आत्मदर्धा गच्छति, परदर्धा या गच्छति ? गौतम ! आत्मदर्चा अच्छति, नो परद्वर्या, एवम् आत्मकर्मणा, नो परकर्मणा, आत्ममयोगेण, तो परमयोगेण, उच्तिोदयं बा, गच्छति, पतद्दयं वा गच्छति, स भदन्त! कम् अनगारोंऽश्यः ? गौतम ! अनंगारः सः, नो खल्ल सोऽश्वः, एवं यावद हंता पभू) हां, गीतम! मावितात्मा अनगार एक विशाल अश्वका रूप अभियोजित फर अनेक योजना तक जाने के लिये समर्थ है से भंते ! आयड्ढीप गच्छद, परिइढीए गच्छह ?) हे भदन्त ! भाषितात्मा अनगार जो एक विशाल अश्वरूपकी विकुर्वणा करके अनेक योजनो तक जाने के लियें समर्थ होता है-सो क्या वह अपनी निजकी शक्तिसे जाता है या परकी सहायता से जाता है.? (गोयमा! आयड्ढीए गच्छद. णो परिहढीए गच्छद) हे गौतम ! भावितात्मा अनगार जो एक विशाल अन्वरूपकी विकुर्वणा करके अनेक योजनों तक जाता है सो अपनी निजकी शक्ति से ही जाता है। परकी सहायता से नहीं जाता है। (एवं आयकम्मुणा, नो परकम्मुणा, आयप्पयोगेणं, नो परप्पयोगेणं) इसी तरह से वह इतनी दूर तक अपने निज के कर्म से जाता है, पर के कर्मसे नहीं जाता है, आत्मप्रयोग से जाता है, परके प्रयोग से नहीं जाता है। (उसिओदयं वा गच्छह, पयोदय वा. गच्छइ) तथा वह. सीधा भी जाता है, और विपरीत भी जाता है। (से.णं अपागारे आसे ?) हे भदन्त वह अनगार હા, ગૌતમ ! એક મહા અલ્પરૂપને અભિજિત કરીને અનેક જનપર્યત જવાને समर्थ छे. (से भंते ! आयडीए गच्छइ, परिड्ढीए गच्छद) : महन्त ! ભાવિતાત્મા અણુગાર એ પ્રકારના રૂપને અભિજિત કરીને જે અનેક જન પર્યક્ત ગમન કરે છે, તે શું તેની પિતાની શકિતથી કરે છે, કે અન્ય સહાયતાથી કરે છે? “(गायमा ! आयबीए गच्छइ, णो परिड्ढीए गच्छड) गौतम ! लाप તાત્મા અજુગાર એક મહાઅધરૂપને અભિજિત કરીને જે અનેક પેજને પર્યન્ત ગમન કરે છે, તે તેના પિતાની શક્તિથી જ કરે છે, અન્યની સહાયતાથી કરતો નથી, (एवं आयकम्मुणा, नो परकम्मुणा, आयप्पयोगेणं, 'नो परप्पयोगेणं)मेर પ્રમાણે તે આત્મકથી એટલે દૂર જાય છે-પકર્મથી જ નથી, અને આત્મપ્રયોગથી य-पप्रयोगथी र नथी, (उसिओदयं वा गच्छद, पयोदयं वा गच्छद) ते सीधे। यय ५ छ भने विपशत पय जय छे. (से.णं अणणारे आसे ?)
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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