SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 570
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -- - ४४० मगरतीय 'दीये, भारहे वासे, समारपुरे नयरे. असोगवणसंडे उजाणेति, 'दीपः, भारतं वर्षम्, मुंसुमारपुरं नगरम् अशोकवनाखण्डम् उद्यानम्' इति संग्रामम्, 'जेणेव मम अंतिए' यत्रय मम अन्तिमम् मम मामीप्यमासीत् 'तेणेव' तंत्र 'उवागच्छई' उपागच्छति, 'उवागच्छित्ता' उपागत्य च स चमरः 'मीए भयगग्गरसरे भीतः प्रस्तः अत एव भयगद्गदस्वर, भयावरुद्धफण्टतया 'स्फुटं किमपि वस्तुमपारयन केवलम् 'भगवं सरणं' भगवान शरणम् मम रक्षको भगवानेत्र 'इतियुयमाणे' इत्येवं वन 'ममं दोण्डवि पायाणं मम द्वयोरपि पादयोः 'अंतरं सि' अन्तरे मध्ये 'झत्ति' झटिति शेघयेण 'वेगेण वेगेन त्वरया समोवडिए' समवपतितः मम चरणशरणमापन इत्यर्थः ॥ मू० ८ ॥ . मूलम्-"तएणं तस्स सकस्स देविंदस्स देवरपणो इमेआरूवे अज्झथिए, जाव-समुपन्झिस्था नो खल्लु पभू चमरे असु. रिदे असुरराया, नो खल्ल समत्थे चमरे असुरिंदे असुरराया, नो खल्लु विसए चमरस्स असुरिंदस्स, असुररण्णो, अप्पणो निस्साए उड् उप्पइत्ता, जाव-सोहम्मो कप्पो, णण्णस्थ अरिहंतेवा, अरिहंतचेइआणिवा, अणगारेवा भावि अप्पणो णीसाए उर्दू उप्पयइ जाव-सोहम्मो कप्पो, तं महादुक्खं किया गया है। उवागच्छित्ता' वहां पर आकर के 'भीए' भयभीत स्थिति में बने हुए 'भयगग्गरसरे' भय से गद्गदकण्ठचाले होने के कारण स्पष्ट रूपसे कुछ भी कहने में असमर्थ हए उसने केवल 'भगवं सरणं' अब भगवान ही मेरे रक्षक हैं 'वुयमाणे इस प्रकार से कहा-और कहते के साथ वह 'ममं दोण्हवि पायाणं' मेरे दोनों चरणों के 'अंतरंसि' वीचमें 'झत्ति शीघता के साथ 'वेगेण' वेगपूर्वक 'समोवडिए' गिर गया ॥ सू० ८ ॥ मनमा तरी भयगरगरसरे अयथा मा ४ सयने २0 ४४ प ४वाने असमर्थ सेवा यमरे 'भगवं सरणं' earn Aण् अस्थायर्या-" भावान। भर मापर्नु २५ " 'घुयमाणे' मा प्रभाव भासते ते 'ममं दोण्हषि पायाण भा२। सन्२ पनी 'अंतरंसि' वश्य 'शत्ति वेगेण समोवडिएशीताथी, ग. પૂર્વક આવીને પડશે. છે સૂ. ૮
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy