SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 186
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १०२ - - भगवती डीए, जाव-एवइयं च णं पभू विकृवित्तए, से जहा-णामए जुबई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेजा, जहेव सकस्स तहेव जाव एसणं गोयमा! तीसयस्स देवस्स, अयमेयारूवे विसए, विसयमेत्ते बुइए, णोचेव णं संपत्तीए विकुब्बिसु वा, विकुवति वा विकुविस्सति वा ॥ ११ ॥ छाया-गौतम ! महर्द्धिकः, यावत्-महानुभागः, स तत्र स्वकस्य विमानस्य चतसृणाम् , सामानिकसाहस्रीणाम्, चतसृणाम् अग्रमहिपीणाम् सप. रिवाराणाम्, तिसृणाम् , पर्पदाम् सप्तानाम् अनीकानाम् , सप्तानाम् अनीकाधिपतीनाम् , पोडशीनाम् आत्मरक्षकदेवसाहस्रीणाम् , अन्येपाच बहूना वैमानिकानाम् देवानाम् , देवीनाञ्च यावत्-विहरति, एवं महर्दिकः, यावत्'गोयमा! महिड्डीए जाव महाणुभागे इत्यादि । सूत्रार्थ- (गोयमा) हे गौतम ! (महिड्डीए जाव महाणुभागे) वह तिप्यकदेव घडी ऋद्धिवाला है यावत् बहुत बडा प्रभाववाला है । (से णं तत्थ) वह वहां पर (सयस्स विमाणस्स) अपने विमानका (चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं) चार हजार सामानिक देवों का (चउण्हं) चार (सपरिवाराणं अग्गमहिसणं) सपरिवार अग्र महिपियाँका (तिण्हं परिसार्ण) तीन परिपदाओंका (सत्तण्हं अणियाणं) सात अनीकों (सेनाओं) का (सत्तण्हं अणियाहिवईण) सात अनीकाधिपतियोंका (सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं) १६ सोल हजार आत्मरक्षक देवोंका तथा (अन्नेसिं च बहणं वेमाणियाणं देवाणं) अन्य "गोयमा ! महिङ्काए नाव महाणुभागे" त्यादि सूत्राथ-(गौयम।!) 3 गौतम 1 (महिङ्कीए जाव महाणुभागे) तिष्य: धए मारे समृद्धि, धुति, मण, यश, सुप मने प्रलापाणी छ. (सेणं तत्थ) त्यां ते (सयस्स विमाणस्स) पाताना विमानतुं, (चउण्हं सामाणिसाहस्सीणं) या २ सामानि वानु, (चउण्डं सपरिवाराणं अग्गमहिसीणं) परिवारथी युत सा२ पट्टाराणीमान, (तिहं परिसीणं) परिषद्, (सत्तण्ड अणियाणं) सात सेनामार्नु (सत्ताहं अणियाहिवईणं) सात सेनापतियोनु, (सोलसण्हं आयरक्रखदेवसाहस्सीणं) M२ मामरक्ष वार्नु त (अन्नेसिं च
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy