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________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श ३ उ ८ स १ भवनपत्यादिदेवस्वरूपनिरूपणम् ८५५ पाल , कोलपाल', शकुपाल• शैलपालः यथा नागकुमाराणाम् अनया वक्तव्य तया सातव्यम् एवम् एपा ज्ञातव्यम्, मुवर्णकुमाराणा वेणुदेव , वेणुदालि , चित्र , विचित्र', चित्रपक्ष विचित्रपक्षः, विद्युत्कुमाराणाम्-हरियान्त , हरिसह , मम , सुमभः, प्रमकान्त , सुममकान्त, अग्निकुमाराणाम्-अग्निसिंहः, अग्नि ण नागकुमारिंदे नागकुमारराया, कालवाले, कोलवाले, सेलवाले,शखवाले भूयाणदे, नागकुमारिंदे नागकुमारराया, कालवाले, कोलवाले, सखघाले, सेवाले) नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज घरण, कालपाल, योलपाल, शेलपाल शखपाल, नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज भूतानन्द, कारपाल, कोल पाल, शैलपाल और शवपाल ! (जरा नागकुमारिंदाण एयाए वत्तन्वयाए नेयन्च, एच इमाण नेयन्व) जिम प्रकार नागकुमार देवों के इन्द्रों के सयधमें इस वक्तव्यता द्वारा समझाया गया है उसी प्रकारसे इन देवोंके सपधमें भी समझना चारिये (सुवण्णकुमाराण वेणुदेवे वेणुदारी चित्त, विचित्ते, चित्तपक्खे, विचित्तपक्खे) सुवर्ण कुमारोंके ऊपर ये दशदेव अधिपतित्व करते हुए यावत् विचार ते है उनके नाम ये है एक वेणुदेव, दूसरे वेणुदाली इनदोनों के लोकपाल ये है चित्र, विचित्र, चित्रपक्ष और विचित्रपक्ष । विज्जु कुमाराण हरिकत, हरिस्मइ पम, सुप्पम, पमकत, सुप्पभकप्त) विद्यु नाम- घरणे ण नागकुमारिंदे नागकुमारराया, फालबाछे, फोलबाछे, सेलवाले, सम्बबाले, भूयाणदे, नागकुमारिंदे नागकुमारराया, कालवाले, कोलवाले, सरवाले, सेलवाले) [१] नागभारेन्द्र नागभाशय ५२ [२ थी ५] घना ચાર લોકપાલો- કાલપા, કોલપાલ, ચલપાલ અને શખપાલ, [૬] નાગકુમાર, નાકમારાય ભૂતાન હિ થી ૧૦] ભૂતાન દના ચાર પાલ- કાયપાલ, કાલપા, Nela भने सभा (जहा नागकुमारिदाण एयाए वचन्चयाए नेयन्च, एच इमाण नेयन्त्र) २ शत नागभार स्वाना भन्दा विषयमा पत पक्षन સમજાવવામાં આવ્યું છે, એ જ પ્રમાણે નીચે દર્શાવેલા તેના વિષયમાં પણ '3- (मुवण्णकुमाराण वेणुदेवे वेणुवाली - चिने विचिचे चित्तपक्खे, चितपक्खे) स्पर्षमा ५२ नयन वार्नु विपतित्य RIG या छઆ છુ, 2 વર્ણકાલી તથા એ બન્નેના ચાર પાર પાનચિત્ર, વિચિત્ર, २२ रन वायत्र५६ (विजफमारा ण हरिकंस, हरिस्सा- पम, मुप्पम, पमफत, मुप्पमत) विभा२ वा ५२ नायनास वोनु धिपतित्व na - તા. ૨
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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