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________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श.३ उ ७ सू ३ यमनाम लोकपालस्वरूपनिरूपणम् ७९९ प्राप्तम्-अर्धप्रयोदशयोजनशतसहस्राणि, यया सोमस्य विमान तया, यावत् अमिषेय , राजधानी तथैव, यावत्-मासादपछ्क्तय , शक्रस्य देवेन्दम्य, देव राजम्य यमस्य महाराजस्य इमे देवा आझाया यावत्-तिष्ठति, तद्यथा-यमयायिका इति वा, यमदेवकायिका उति वा, प्रेतफायिका इति वा, प्रेतदेवता कायिका ति वा, असुरकुमारा , असुरकुमार्य , क दर्पा , निरयपाला , अमि योगा, ये चाप्यन्य तथाप्रकारा सर्वे ते तद्भक्तिया , तत्पालिका , तहार्याः, देविंदस्स देवरणो ) ठीक यहीं पर देवेन्द्र देवराज शाके लोकपाल (जमस्स महारपणी) यम मशराजका (घरसिट्ट नाम विमाणे पण्णत्ते) यरशिष्ट नामका विमान है।(अद्वतेरमजोयणमयसरस्माई)डम विमानकी लपाई चौडाई साढे पारशलाग्य योजनकी है । (जरानोमस्म विमाण तहा जाव अभिसेओ) यह सय कथन मोम के विमानकी तरहसे ही जानना चाहिये यावत् अभिपेक (रायहाणी सहेच जाच पामायपतीओ) राजधानी तथा प्रासादकी पक्तियो यार मय भी कथन पहिलेकी तरह से कहा गया जानना चाहिये (सक्फरस ण देविदस्स देवराणो) देवेन्द्र देवराज शाके (जमस्म महारणों) लोकपाल यम महाराजयी (इमे देवा) ये देव जिनका नामनिर्देश आगे किया जायगा (आणा जाच चिट्ठति) आज्ञा मादिमें रहते है। (त जहा) ये देव ये है (जम काइयाइ घा, जमदेव काठयाड पा, पेयकाइयाइ घा, पेयदेवयफाइयाइ घा, असुरकुमारा, असुरकुमारीओ, पदप्पा, निरयवाला, आभियोगा) यमकायिफ, यमदेयकायिक, प्रेतकायिक, प्रेतदेवकायिक, अमरकुमार, देवरणो) देवेन्द्र ३५२१ Astarsue ( जमस्स महारपणो परमिटे नाम विमाणे पण्णचे) यम मसलनु पशि नामर्नु विमान भावे छ (अद्वतेरस जोयणसयसहम्सार ) ते विमाननी माd पहेगा१२॥ सामा १५ यस अभार छ (जता सोमम्स बिमाण त जाव अभिसेयो) ते विमान विधनु અભિષેક પર્યન્તનું સમસ્ત કથન સોમ કપાલન વિમાન પ્રણા જ સમજવું (रायहाणी सहेव भाव पासायपसीआ) सयानी तथा प्रासात पतिया विय १५ मा प्रभाग १७न सभा ( समस्स देविंदस्स देवरप्णो अमस्स महारष्णो) रेवेन्द्र, १२ At artue सोम भERING (इमे देवा प्राणा भाष चिट्ठति) आज्ञा पाटिमा नारा देवा (ते जम) नये प्रभाव जममाइया वा, अमदेवकाइया वा, पेयकाइया वा, पेयदेवकाइया षा, अमुरकुमारा, भरकमारीभो, कदप्पा, निरयनासा, आमिपोगा) 448, यभरेपयिs, Taafis
SR No.009313
Book TitleBhagwati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size37 MB
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