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________________ देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई महावीर देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई महावीर, कितनी बदल गई तस्वीर। सूरज न बदला, चाँद न बदला, न बदले दिन-रात, कितने बदल गए हालात। आज आदमी बना जानवर, नहीं समझे ये प्यार की भाषा, पैसों की खातिर भाई ही, भाई के प्राणों का प्यासा। अपनी तिजोरी भरने को बेच रहा जमीर, कितनी बदल गई तस्वीर। माता-पिता की कदर नहीं है, भटक रहे दर-दर ये बेचारे, नहीं साथ कोई रखना चाहे दूर भागते इनसे सारे। इन्ही कपूतों की करनी से, हालत है गम्भीर, कितनी बदल गई तस्वीर। झूठ बोलता, कम ये तौलता, करे मिलावट और मक्कारी, नकली दवा बनाये बेचे अकल गई है इनकी भारी। इतनी गिरावट आ गई भगवान कैसे ढकू अब चीर, कितनी बदल गई तस्वीर। प्रभु भक्ति तो भूल गया ये, बाईक खूब भगाये, खाकर गुटखा दिन भर मुँह में पीक थूकता जाये। माबाईल को लगा कान से लगता बड़ा अमीर, कितनी बदल गई तस्वीर। जात-पात सब खत्म हो रही, नहीं नज़र आता ईमान, गिरगिट जैसे रंग बदलते, बन गये हैं सब शैतान। “जैनी' अरज करे जिनवर फिर आवो है वीर, कितनी बदल गई तस्वीर। 73
SR No.009246
Book TitleJain Bhajan Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages78
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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