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________________ झूम-झूम के मैं करू आरती द्वारे, प्रभुजी की झूम-झूम के झूम-झूम के, झूम-झूम के मैं करू आरती द्वारे, प्रभुजी की झूम-झूम के आदि प्रभु कैलाशी जिन राजा आदि प्रभु कैलाशी जिन राजा पाप नशावे शिव सुख दाता, झूम-झूम के झूम-झूम के रिषभ प्रभु को बुलाउ – बुलाऊ रे मैं – झम मैं झम मैं वीस तीर्थंकर तारण हारे, सम्मेद शिखर से मोक्ष पधारे झूम-झूम के, झूम-झूम के करू आरती पारस प्रभु, चन्दा प्रभु की ___ चम्पा पुर वासुपूज्य को ध्याऊ गिरनारी नेमी नाथ को निहारू - झूम-झूम के, झूम-झूम के पावापुर महावीर, बुलाऊ तुम्हे झूम-झूम के – मै करू आरती... प्रभुजी की विन्धागिरी बाहूबली स्वामी विन्धागिरी बाहूबली स्वामी तन की बेल संयम तप धारी तन की बेल सन्यम तप धारी झूम-झूम के झूम-झूम के मैं करू आरती, बाहुबलि जी की झूम-झूम के – मैं करू भावना की भक्ति आरती है अर्पण झम-झम के – मैं करू भावना की भक्ति आरती है अर्पण __सिद्ध क्षेत्र अतिशय को है वन्दन सिद्ध क्षेत्र अतिशय को है वन्दन झूम-झूम के झूम-झूम के परमेष्ठि प्रभु की करू आरती झूम-झूम के जिन वाणी की करू आरती झूम-झूम के जिन वाणी की करू आरती झूम-झूम के 69
SR No.009245
Book TitleJain Arti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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