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________________ अथ प्रत्येक निर्वाण क्षेत्र के अध्य (अडिल्ल छन्द) श्री आदीश्वर देव गये निर्वाण जू। श्री कैलाश शिखर के ऊपर मान जू।। तिनि के चरण जजौं मैं मन वच काय से। भवदधि उतरौं पार शरण तुम आय। ऊँ ह्रीं कैलाश पार्वत सेती श्री ऋषभदेव तीर्थंकर दश हजार मुनि सहित मुक्ति पधारे और वहां तें और मुनि पधारे होहिं तिनि को अयं निर्वपामीति स्वाहा।।। चंपापुर तें मुक्ति गये, जिनराज जी। वासुपूज्य महाराज करम क्षय कार जी।। तिनि के चरण जजौं मैं मन वच काय से। भवदधि उतरौं पार शरण तुम आय। ऊँ ह्रीं चंपापुर सेती श्रीवासुपूज्य तीर्थंकर हजार मुनि सहित मुक्ति पधारे और वहां तें और मुनि मुक्ति पधारें होंहि तिनि को अयं निर्वपामीति स्वाहा।2। श्री गिरनार शिखर जग में विख्यात जी। सिद्ध वधू के नाथ गये नेमिनाथ जी।। तिनि के चरण जजौं मैं मन वच काय से। भवदधि उतरौं पार शरण तुम आय। ऊँ ह्रीं गिरनार सेती श्रीनेमिनाथ तीर्थंकर पांच सौ छत्तीस मुनि सहित मुक्ति पधारे तिनि को अध्यं निर्वपामीति स्वाहा।41 पावापुर सरवन के बीच महावीर जी। सिद्ध भये हनि कर्म करें सुरसेव जी।। तिनि के चरण जजौं मैं मन वच काय से। भवदधि उतरौं पार शरण तुम आय। ऊँ ह्रीं पावपुर के पदम सरोवर मध्य सेती श्रीमहावीर तीर्थंकर छत्तीस मुनि सहित मुक्ति पधारे और वहां तें और मुनि मुक्ति पधारें होंहि तिनि को अध्यं निर्वपामीति स्वाहा।4। श्री सम्मेद शिखर शिवपुर को द्वार जी। बीस जिनेश्वर मुक्ति गये भवतार जी।। तिनि के चरण जजौं मैं मन वच काय से। भवदधि उतरौं पार शरण तुम आय। ऊँ ह्रीं सम्मेद शिखर सेती श्रीबीस तीर्थंकर मुक्ति पधारे और उस शिखर तें और मुनि मुक्ति पधारें होंहि तिनि को अध्यं निर्वपामीति स्वाहा।51 791
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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