SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 663
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीमहावीर जिन-पूजा (रचयित्री - पू. ज्ञानमती माताजी) (तर्ज- तुमसे लागी लगन.......... आपके श्रीचरण, हम करें नित नमन, शरण दीजे। नाथ मुझपे कृपा-दृष्टि कीजे।।टेक।। वीर सन्मति महावीर भगवान्। आवो-आवो यहाँ नाथ श्रीमान! आप-पूजा करें, शुद्ध समकित धरें, शक्ति दीजे। नाथ! मुझ पर कृपा-दृष्टि कीजे।। ऊँ ह्रीं श्रीमहावीरजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट्। (इति आह्वाननम्) ॐ ह्रीं श्रीमहावीरजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः। (स्थापनम्) ॐ ह्रीं श्रीमहावीरजिनेन्द्र! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट्। (सन्निधिकरणम्) ( अथ अष्टक) (तर्ज- चंदन सा वदन................) (शंभु छन्द) त्रिशलानंदन, शत-शत वंदन, शत-शत वंदन तव चरणों में। हम भक्तिभाव से अंजलि कर, प्रभु शीश झुकाते चरणों में।। गंगानदि का शुचि जल लेकर, तुम चरण चढ़ाने आये हैं। भव-भव का कलिमल धोने को, श्रद्धा से अति हरषाये है।। हे वीरप्रभो! महावीर प्रभो! त्रयधारा दे तव चरणों में।। त्रिशलानंदन, शत-शत वंदन, शत-शत वंदन तव चरणों में। हम भक्तिभाव से अंजलि कर, प्रभु शीश झुकाते चरणों में।। ॐ ह्रीं श्रीमहावीरजिनेन्द्राय जन्मजरामृत्यु-विनाशनाय जलं निर्वपामीति स्वाहा।1। 663
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy