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________________ तंदुल उज्ज्वल अति धोय, थारी में लाऊँ। तुम सन्मुख पुंज चढ़ाय, अक्षय-पद पाऊँ।। चांदनपुर के महावीर, तोरी छवि प्यारी। प्रभु भव-आताप निवार, तुम पद बलिहारी।। ऊँ ह्रीं श्रीमहावीरस्वामिने अक्षयपद-प्राप्तये अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा।3।। बेला केतकी गुलाब चंपा कमल लऊँ। जे कामबाण करि नाश तुमरे चरण दऊँ।। चांदनपुर के महावीर, तोरी छवि प्यारी। प्रभु भव-आताप निवार, तुम पद बलिहारी।। ऊँ ह्रीं श्रीमहावीरस्वामिने कामबाण-विध्वंसनाय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा।4। फेनी गुंजा अरु स्वाद, मोदक ले लीजे। करि क्षुधा-रोग निरवार, तुम सन्मुख कीजे।। चांदनपुर के महावीर, तोरी छवि प्यारी। प्रभु भव-आताप निवार, तुम पद बलिहारी।। ऊँ ह्रीं श्रीमहावीरस्वामिने क्षुधारोग-विनाशनाय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा।5। घृत में कर्पूर मिलाय, दीपक में जारो। करि मोहतिमिर को दूर, तुम सन्मुख बारो।। चांदनपुर के महावीर, तोरी छवि प्यारी। प्रभु भव-आताप निवार, तुम पद बलिहारी।। ॐ ह्रीं श्रीमहावीरस्वामिने मोहान्धकार-विनाशनाय दीपं निर्वपामीति स्वाहा।6। 652
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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