SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 628
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ फेन चंद के समान अक्षतान् लाइ । चर्न के समीप सार पूंज को रचाइ पारवनाथ देव सेव आपकी करूँ सदा । दीजिये निवास मोक्ष भूलिए नहीं कदा ॥ ॐ ह्रीं श्रीपार्शवनाथजिनेन्द्राय अक्षयपदप्राप्तये अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा । केवड़ा गुलाब और केतकी चुनाइए । धार चर्न के समीप काम को नसाइकें ॥ पारवनाथ देव सेव आपकी करूँ सदा । दीजिये निवास मोक्ष भूलिए नहीं कदा ॥ ॐ ह्रीं श्रीपार्शवनाथजिनेन्द्राय कामबाणविध्वंसनाय पुष्पाणि निर्वपामीति स्वाहा । घेवरादि बावरादि मिष्ठ सद्य में सनें । आप चर्ण अर्चक्षुधादि रोग को हनें ॥ पारवनाथ देव सेव आपकी करूँ सदा । दीजिये निवास मोक्ष भूलिए नहीं कदा ॥ ॐ ह्रीं श्रीपाश्वनाथजिनेन्द्राय क्षुधारोगविनाशनाय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा । लाय रत्न दीप को सनेह पूर के भरूँ । वातिका कपूर बारि मोह ध्वांत को हरूं ॥ पारवनाथ देव सेव आपकी करूँ सदा । दीजिये निवास मोक्ष भूलिए नहीं कदा ॥ ॐ ह्रीं श्रीपार्शवनाथजिनेन्द्राय मोहांधकारविनाशनाय दीपं निर्वपामीति स्वाहा । 628
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy