SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 626
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ताथेई थेई थेई पग धरत जाय, छम छम छम छम घुघरू बजाय । जे करहिं निरत इह भाँत भाँत, ते लहहिं सुक्ख शिवपुर सुजात ॥ दोहा रविव्रत पूजा पाश्व की, करै भविक जन जोय । सुख सम्पति इह भव लहै, आगे सुर पद होय । ॐ ह्रीं श्रीपाश्वनाथजिनेन्द्राय पूर्णा निर्वपामीति स्वाहा । अडिल्ल रविव्रत पाश्व जिनेन्द्र, पूज भवि मन धरें । भव भव के आताप, सकल छिन में टरें ॥ होय सुरेन्द्र नरेन्द्र, आदि पदवी लहे । सुख सम्पति सन्तान, अटल लक्ष्मी रहे ॥ फेर सर्व विधि पाय, भक्ति प्रभु अनुसरें । नानाविध सुख भोग, बहुरि शिवतिय वरें ॥ ॥ इत्याशीर्वादः पुष्पांजलि क्षिपामि ।। रविव्रत जाप्य मंत्र ॐ ह्रीं नमो भगवते चिंतामणि पाश्वनाथाय सप्तफण मण्डिताय श्री धरणेन्द्र पद्मावती-सहिताय मम् ऋद्धि सिद्धिं वृद्धिं सौख्यं कुरु कुरु स्वाहा । 626
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy