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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Time and tide waits for none. ( समय और ज्वार भाटा किसी की प्रतीक्षा नहीं करता) हम भी संसार की तरह निरन्तर गतिशील रहना है । हमारी गति मोक्ष की ओर होनी चाहिये । प्रसाधन सामग्री के विज्ञापन अखबारो में खूब आते हैं; परन्तु असली सोना बिना विज्ञापन के बिक जाता है । महँगी वस्तुओं की अपेक्षा सस्ती वस्तुओं का ही विज्ञापन अधिक होता है; इसलिए आप प्रचार के चक्कर में मत आइये । आत्मा का विज्ञापन अखबारों में नहीं मिलने वाला है । उसके लिए शीतल साधु- संगति की शरण में जाना होगा -- चन्दन शीतल लोके चन्दनादपि चन्द्रमाः । ताभ्यां चन्दनचन्द्राभ्याम् शीतला साधुसंगतिः ।। ( संसार में चन्दन शीतल होता है । चन्दन से अधिक चन्द्र शीतल होता है; किन्तु चन्दन और चन्द्र दोनों से अधिक शीतल होती है - साधुसंगति) For Private And Personal Use Only जन्म जरा, मृत्य, रोग, शोक, क्रोध, अभिमान, माया (छल), लोभ, मोह, निन्दा, पैशुन्य, अत्याचार, अनाचार, दुराचार, अभाव, संयोग, वियोग, आदि से सन्त्रस्त मनुष्यों को सत्संग से ही सन्तोष और शान्ति का अनुभव हो सकता है यह ध्रुव सत्य है । ७५
SR No.008731
Book TitlePratibodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1993
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size6 MB
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