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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ८८ जीवन दृष्टि सचमुच अपनी बात को संक्षेप में कह देना ही पाण्डित्य का फल है. मूर्खता और विद्वत्ता की वाणियों में वही अन्तर होता है, जो दीवार घड़ी की दोनों सूइयों में एक बारह गुना चलती है, दूसरी बारह गुना दर्शाती है. सोख्ता नामक शायर ने अपने विषय में लिखा है : आदत है हमें बोलने की तौल-तौल कर । है एक-एक लफ्ज बराबर वजन के साथ ।। बाइबिल में भी लिखा है : 44 'अल्प शब्दो में अधिक भावों को व्यक्त करो। " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूत्रकृतांग सूत्र में लिखा है : “निरुद्धगं वावि न दीहइज्जा ।। " [संक्षिप्त बात को दीर्घ मत करो-लम्वी मत तानो] आइये, अब कुछ दृष्टान्तों के द्वारा हम यह समझने का प्रयास करें कि सारगर्भित हितकर संक्षिप्त वाणी का प्रभाव कैसा पड़ता है. चिन्तन से ही ज्ञान प्राप्ति : एक महात्मा विहार करते हुए अपने शिष्यों के साथ किसी गांव में पहुंचे, गांव वाले उनका प्रवचन सुनना चाहते थे. अपने चिन्तन से वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि ज्ञान चिन्तन से ही प्राप्त होता है, प्रवचन सुनने से नहीं, फलस्वरूप गांव के प्रमुख लोग जब उनसे प्रवचन के लिए प्रार्थना करने आये तो महात्माजी ने बोलने से इन्कार कर दिया; किन्तु लोगों का अत्यधिक आग्रह देख कर वाद में उन्होंने वोलने की स्वीकृति दे दी. प्रवचन की व्यवस्था ऐसे खुले स्थान पर की गई, जहाँ गाँव के अधिकांश स्त्री-पुरुष और बच्चे एकत्रित हो सकें. लोगों के एकत्रित हो जाने पर प्रवचन प्रारम्भ करने से पहले महात्मा ने सबसे एक प्रश्न किया : " क्या आप लोगों को आत्मा और परमात्मा पर विश्वास है?" सबने एक स्वर से कहा : " नहीं है" महात्मा बोले : “यदि आपको आत्मा और परमात्मा पर विश्वास ही नहीं है तो मैं क्या कहूँ ? नास्ति मूलं कृतः शाखा : ? जहाँ मूल का ही पता न हो - बीज का ठिकाना न हो, वहाँ सिंचाई करने से शाखायें - प्रशाखायें कैसे हो सकती हैं?" ऐसा कह कर उन्होंने तत्काल “सर्व मंगल मांगल्यम्” सुना दिया. फिर उठकर चले गये. लोगों ने परस्पर विचार किया कि इस प्रश्न को यदि फिर उठाया गया तो अपन सब इसका For Private And Personal Use Only
SR No.008716
Book TitleJivan Drushti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1995
Total Pages134
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size7 MB
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