SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 128
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org गुरुवाणी इस आखिर वह व्यक्ति थक गया. कैसा पत्थर जैसा आदमी है. रोज़ इतना बकता पर कोई ध्यान ही नहीं देता. चौथे दिन आया. मन में ग्लानि पैदा हुई कि कोई महान सन्त हैं, अपशब्द बोलकर मैंने आग लगाने की बड़ी कोशिश की परन्तु वह तो फायरप्रूफ हैं. बर्फ जैसे हैं. इतना उत्तेजित किया. शब्दों की चोट इनको दी. न जाने कैसे-कैसे शब्द इनके सामने मैने लाकर रखे परन्तु इनके चेहरे पर क्रोध की ज़रा भी निशानी नहीं, तनाव नहीं. चरणों में गिर गया. उसके हृदय से परिवर्तन हुआ कि कोई महान सन्त हैं. कहा भगवन्! मेरी अज्ञान दशा को देखकर आप क्षमा करें, मैने जो भी की भूल उसके लिए क्षमा चाहता हूं भगवन्! मैंने आपके साथ कितना दुर्व्यवहार किया, कैसे-कैसे अपशब्द बोले भगवन् क्षमा करें और आशीर्वाद दें. सन्त ने कैसा जबाब दिया उसे छाती से लगाकर कहा नहीं की. तेरा कोई अपराध है ही नहीं. बेटा! तूने कुछ भी भूल प्रेम से सारी दुनियां को जीता जा सकता है, प्रेम ही एकमात्र ऐसी साधना है जो बिना मन्त्र के सिद्ध हो जाती है. यदि व्यक्ति प्रेम की साधना में प्रवेश कर जाए, ऐसी मंगल भावना विकसित करे कि जगत में कोई भी पराया नहीं सभी मेरे अपने हैं, अपनी दृष्टि को ही बदले दे, दूसरों को मित्रवत् समझने की दृष्टि आ जाए, तो संसार की समस्त वैमनस्यता समाप्त हो जाए. प्रभु वीर की दृष्टि परिवर्तन की प्रक्रिया धीरे-धीरे आपको बतलाता रहूंगा. मेरा काम है सप्लाई करना आप तक पहुंचा देना. डाकिए की तरह से संदेश दे देना. परमात्मा का प्रवचन तो सारे विश्व को प्रकाश देने वाला है. इतना सामर्थ्य है उस प्रवचन में कि सारे देश को, सारे विश्व को, प्रकाशित कर दें. पावर हाउस देखिए कितना वोल्टेज होता है उसके अन्दर हाई वोल्टेज होता है. पूरे शहर को सप्लाई करता है पर होम डिलीवरी के लिए कितना वोल्टेज चाहिए ? " " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कम वाल्टेज चाहिए. दौ सौ वोल्टेज चाहिए घर तक पहुंचाने के लिए, अगर सीधी सप्लाई कर दी जाये पावर हाउस से तो आपके घर की क्या हालत होगी. दीवाली हो जायेगी. पूरा शहर जल कर के राख बन जाएगा शक्ति है, पर ग्रहण करने की ताकत नहीं है. परमात्मा का यह प्रवचन तत्त्वज्ञान से भरा हुआ है. समृद्ध है, सारे विश्व को प्रकाश देने वाला है. हमारे पास इतनी मानसिक क्षमता नहीं है. सप्लाई नहीं की जाती ट्रांसफर होता है. हाई वोल्टेज को, लो वोल्टेज में लाकर डिलीवरी दी जाती है. सुधर्मा स्वामी का यह पाट (तखत) ट्रांसफार्मर है, ताकि आप समझ लें. परमात्मा के विचार के प्रकाश में से आपको भी रास्ता मिल जाए. आप स्वयं अपना प्रकाश प्राप्त कर लें, चलने का रास्ता आपको स्वयं दिखाई पड़े मैं समझंगा मुझे अपनी मजदूरी का लाभांश मिल गया. उससे मुझे प्रसन्नता मिलेगी. इनमें रुचि पैदा हो गई, प्यास जग गई. 99 For Private And Personal Use Only 24
SR No.008711
Book TitleGuruvani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1996
Total Pages410
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy