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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नित्य] १२२ [निरा ३ नमिऊण स्मरणम् ९ बृहद्श नि ४ गणधर देवस्तुति स्मरणम् १० जिन पिंजर स्तोत्रम् ५ गुरुपारतन्त्र्य स्मरणम् ११ श्रीगोडीपार्श्व जिनबृहद् स्तवनम् ६ सिग्घमवहरउ स्मरणम् १२ श्री गौतम स्वामीजी रास १४४४ नित्य स्मरण स्तोत्र संग्रह. भेट. ( १८१, ५०) १४४५ निन्यानवे प्रकारी पूजा. रु. ०-४-० (२०१) १४४६ निन्यानवे (९९ ) प्रकारी पूना, रु. ०-३-० १४४७ निबंध संग्रह. रु. ०-६-० १४४८ निरयावलिका सूत्रम् चंद्रमरि पिरचित वृत्ति युक्त. (२८) १४४९ निरयावलि भाषान्तर. (बाबु ) ( २४, ५०) , , १० पयना बाबुवाल. ( २४, ५०). १४५० निर्यावलिका सूत्रम् (९४, २८, १६, १) १४५१ निरस्त तमोनिधि हिन्दी. रु. ०-४-० सं. १९३१ सेता बचंद (३६६,१०४) १४५२ निर्भय भीम व्यायोग. रु. ०-४-० (१४) १४५३ निराकरण निर्णय हिन्दी. ले. यति बालचंदजी (आमां दिगंबर श्रावक तात्या नेमिनाथ पांगल के असत्य आ क्षेपो के उत्तर ) रु. ०-२-० (२०३, ३९७) १४५४ निर्भय भीम व्यायोग. रु. ०-२-६ , , (संस्कृत) श्री रामचंद्रसूरि विरचित. रु, ०-४-० (१४) १४५५ निराकरण निर्णयम् ले. यति बालचंदजी दिगंबरोने जवाब रु. ०-२-० (३०९, ४००) १४५६ निराकरण निर्णय, श्वेतांबगेनुं प्राचीनत्व सप्रमाण सिद्ध कई छे. हिन्दी रु. ०-२-० (२०३) For Private And Personal Use Only
SR No.008621
Book TitleMudrit Jain Swetamber Granth Namawali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year1926
Total Pages432
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari & Catalogue
File Size17 MB
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