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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निबार्क, पल्लभाचार्य, स्वामीनारायण वगेरे परमेश्वरने साकार माने छ अने भक्तोना उद्धार माटे परमेश्वर वारंवार जन्म अवतार ले के एम माने छे. रामानुज वल्लभाचार्य मतवादीओ परमेश्वर सदा साकाररूपी रहे छ एम माने छे. शंकराचार्यवाळा वस्तुतः परमात्माने निराकार माने छे अने विवर्तवादनी दृष्टिए परमेश्वरनां अमुक प्रतीको कल्पीने तेने साकार इश्वर तरीके माने छे. नैयायिको अने वैशेषिको परमेश्वरने निराकार माने छे. पतंजलिए पातंजल योगदर्शनमां परमात्माने निराकार मान्यो छे. आर्य समाजीओ परमेश्वरने निराकार माने छे. स्त्रीस्तिओ परमेश्वरने साकार माने छे. बौद्धो परमेश्वरने साकार तथा निराकार माने छे. जैनो परमेश्वरने साकार तथा नि. राकार माने छे. हिंदुओ, मुसलमानो, स्विस्तिओ, जैनो, बौद्धो अनेक दृष्टिबिंदुओनी अपेक्षाए परमेश्वरनी द्रव्यपूजा तथा भावपूजाने माने छे. द्रव्य ते भावन कारण छे. साधनथी साध्यनी प्राप्ति थाय छ. ज्यां सुवी केवलज्ञानी परमात्माओ अघाती कर्मना योगे शरीरमा रहेला होय छे त्यां सुधी ते साकार परमेश्वरो छे, अने सर्व कर्मथी रहिन थै सि बुद्ध परमात्मा थाय छे त्यारे ते निराकार परमेश्वर तरीके गणाय छे. साकार परमेश्वरमां अरिहंत, जिन, आचार्य, उपाध्याय अने मुनि गुरुनो समावेश थाय छे. अष्टकर्म रहित सर्व शुद्धात्माओनो निराकार परमेश्वरमा समावेश थाय छे. आत्माना असंख्य प्रदेशो अने तेमा रहेल अनंतज्ञान ज्योति ने अनंत नूर तेज सागर कहेवामां आवे छे. श्रद्धामीति ज्यां छे त्यां अवश्य प्रतिमा For Private And Personal Use Only
SR No.008606
Book TitleKarmayoga Karnikao Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year1961
Total Pages226
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Karma
File Size10 MB
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