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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३४) प्रश्न- हे भगवन्! स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति किस से होती है। उत्तर- हे गौतम! जिस मनुष्य ने सम्यक् प्रकार से तप सयंम की आराधना की हो वह मनुष्य स्वर्ग और मोक्ष के सुखों को प्राप्त करता है। (३५) प्रश्न- हे भगवन! मनुष्य को दुखःमयी दीर्घ जीवन किस दुर्भाग्य से मिलता है? उत्तर- हे गौतम! चलते फिरते त्रस जीवों की हिंसा करने से, मिथ्या भाषण करने से और मुनि को असाताकारी आहार पानी देने से मनुष्य को दुखःमयी दीर्घ जीवन मिलता है। (३६) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य को सुखमयी दीर्घ जीवन किस पुण्य फल से मिलता है? उत्तर- हे गौतम! त्रस जीवों की रक्षा करने से, सत्य भाषण करने से, और मुनियो को निर्दोष साताकारी आहार पानी देने से सुखमयी दीर्घ जीवन मनुष्य को मिलता है। (३७) प्रश्न- हे भगवन्! बहुत ऐसे मनुष्य हैं जिनको भय होता ही नहीं है वह किस पुण्योदय के फल स्वरूप? उत्तर- हे गौतम! भय से भयभीत जीवों को निर्भयी किये हों अर्थात अभयदान दिया हो। (३८) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य ताकतवान किन शुभ कर्मों से होता है? उत्तर- हे गौतम! जिसने वृद्ध, तपस्वी और व्याधि वाले की वैयावृत्य (सेवा) खूब ही जी तोड़ कर की हो वह मनुष्य बलवान होता है। (३९) प्रश्न- हे भगवन्! जिस के वचनों में मधुरता टपकती हो सभी उसके वचनों को सुन कर आनन्द मनाते है वह किस शुभ कर्म के फल स्वरूप? ७४ For Private And Personal Use Only
SR No.008568
Book TitleGautam Nam Japo Nishdish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharnendrasagar
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2001
Total Pages124
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Worship
File Size5 MB
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