________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(५७) चार थोयनी एक पंचमीनी स्तुति. समवसरणमां बेसीने, प्रभु वीरे प्रकाशी, पंचमी सहु तीर्थकरे, कथी ज्ञानविलासी; जिनवाणी सहु वेदना-सत्य वेद समानी, शासन देवीओ संघनी, करे जक्ति वखाणी. १
उमनी थोयो-एक स्तुति.
चार थोयनी एक थोय. अष्टमी अष्टमी गतिदिये, महावीर प्रकाशे, सर्वे तीर्थकर कथे, आठ कर्म विनाशे; केवलज्ञान प्रकाशती, श्रुतज्ञाने आराधे, शासन देवनी स्हायथी, संत मुक्तिने साधे. १
अगियारसनी स्तुति.
चार स्तुतिनी एक स्तुति. एकादशी अति उजळी, वीरदेवे प्रकाशी, कृष्णे पाळी लेमना, उपदेशथी खासी; ज्ञानावरणने टाळीने, शुद्धज्ञान प्रकाशे,
For Private And Personal Use Only