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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 33८ कर्म करे पण निष्क्रिय आतम, निज परिणामे भाळो. आतम. २ आसक्तिवण कार्यों करतां, पुण्य न पाप पसारो; ज्ञानीने आस्रवपण संवर-रूपे परिणमे धारो.आतम ३. उपयोग पूर्वक सर्व प्रवृत्ति, करतां अकर्मता धारो; आतम उपयोगीने जडनु, बंधन नहीं छे विचारो. आतम. ४. सर्व शुभाशुभ परिणाम वण नहीं,कर्मनो लेश संचारो; बुद्धिसागर शुद्धोपयोगे, आपोआप उद्धारो. आमण.५ मनुष्यो !!! धर्म रोकडीयो धारो. राग. आशावरी. धर्म रोकडियो धारो, मनुष्यो !!! धर्म रोकडियो धारो. ज्ञानानन्दनो अनुभव आवे, सर्व दुःख संहारो; ज्ञानने भक्ति सत्य सदाचार, न्यायनीति दिल धारो. मनुष्यो . १ शुभशक्तियो सर्वे मेळववी. करवा यह उपकारो: व्यसनो दोषो दुर्गुण टाळी, पाळो अहिंसाचारो. मनुष्यो . २ परमार्थे तन धन वापरb, टाळी काम विकारो; हिंसा जूहूं चोरी जारी, त्यागो दुष्ट विचारो. मनुष्यो . ३ उद्यम, हिंमत न्याय विवेके, स्वाश्रयी जीवन गाळो; For Private And Personal Use Only
SR No.008544
Book TitleBhajanpad Sangraha Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year1923
Total Pages486
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Worship
File Size20 MB
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