SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 399
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३२९ माटे लाका !! सद्गुण नीति सत्य न्याय दिल लावशी. ज्यां दयाथकी दिल उभरातां, लाको न्याये अर्पाइ जाता, जूठा सोगनने नहीं खाता. दुनिया. १ प्रभुनी आज्ञाओ दिल धारो, प्रामाणिक जीवन नहीं हारो, बुर्गुण व्यसनाने संहारो. दुनिया. २ सहजीवा आत्मसमा गणशा, प्रभुभक्ति ज्ञानने दिलभणशेो; त्यारे नहीं दुःखथकी रडशो. दुनिया. ३ सद्गुणवण स्वराज्य नहीं पामा, गुण योगे पामे विश्रामेा; करशी पारमार्थिक शुभकामा. दुनिया. ४ नहीं धर्म वर्ण भेदे लडशा, लडतां चंडीने पाछा पडशा; अन्याने मारी रडवडशो. दुनिया. ५ ज्यां माहवसे त्यां राज्य नहीं, ज्यां सद्गुण गण त्यां राज्य सही; दुर्गुणथी राज्य रह्यां न कहीं. दुनिया. ६ बाहिरराज्यो न रह्यां रहेशे, समतावण सुख नहीं को लेशे; मुँझो नहीं राग अने द्वेषे. दुनिया. ७ चोरी व्यभिचार परिहरशो, दारुनुं पान नहीं करशो; कदि सत्यथी पाछा नहीं फरशा. दुनिया. ८ स्त्रीस्ति हिंदुने मुसल्माना, जैना बडो मुज शिख माना; मन इन्द्री वश करीने चाला. दुनिया. ९ पापा त्यजी धर्मने आचरशो, शुद्धतम स्वराज्यने वरशेो; बुद्धिसागर मंगल वरशा. दुनिया. १० For Private And Personal Use Only
SR No.008544
Book TitleBhajanpad Sangraha Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagar
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year1923
Total Pages486
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Worship
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy