SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 80
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७२ साधक अक्षर भै । ५ नं साध्यं स्वकीयं विरुध्धं साध्य १ ऋषभनाथ २ अजितनाथ ३ संभवनाथ ४ अभिनंदन ५ सुमतिनाथ 5 चंद्रप्रभु ६ सुविधिनाथ १० शीतलनाथ ११ श्रेयांसनाथ १२ वासुपूज्य १३ विमलनाथ पद्मप्रभु अशुभ ७ सुपार्श्वनाथ अशुभ १४ | अनंतनाथ १५ धर्मनाथ १६ शांतिनाथ १७ कुंथुनाथ १८ मरनाथ १६ | मल्लिनाथ २० मुनिसुव्रत २१ नमिनाथ २२ नेमनाथ २३ | पार्श्वनाथ २४ वर्धमान 39 राशि धन महावीर स्वामी पति: तारा: ३ ५, ७,६ गुरु अशुभ अशुभ वैर अशुभ अशुभ अशुभ अशुभ श्रीबृहद् धारणायंत्र | एकनाथ मीन योनिः नकुल सर्प स्वा वैर वर्णः क्षत्रिय | वर्गः विशोषक गयाः प लभ्यं मनुष्य राक्षस क कुवैर 198 (2) € (II) देयं २॥ २॥ २|| १॥ 67 ४ रं S ० वश्यं सर्वे राशयः स्व " मध्यम "7 अशुभ 56 "" मध्यम 21 राशि नाडी धनुः अंत्य वृषभ ! अंत्यवेध स्वराशि एकपाद वेध " स्व शत्रु सम अशुभ स्वराशि: स्वगप मध्यम अशुभ स्वगण मध्यभ ܕܕ " शुभ श्रेष्ठ शुभ श्रेष्ठ 34 अशुभ शुभ " अशुभ शत्रु मध्यम शुभ श्रेष्ठतर 21 प्रीति शुभ अशुभ "" शुभ अशुभ | श्रेष्ठ शुभ श्रेष्ठ 39 वेध नक्षत्रं उ० बा० भवेध श्रेष्ठतर | वेध बेध वेध भवेध वेध भवेष युजि पश्चिम
SR No.008459
Book TitleBruhad Dharana Yantra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherCharitra Smarak Granthmala
Publication Year
Total Pages112
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy