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________________ श्रीबृहद् धारणा यंत्र 1 साधक अक्षर - घ १० सर्वस्वर सहितः ङ- १० स्वर सहितः । नं० । साध्यजिनः योनि विशोपक गणः राशि नाड़ी स्वकीयं ६ वान लभ्यं मनुष्यः | मिथुन विरुध्धं ८, १३ | हरिय राक्षसः स्व साध्य नाम श्र १ | ऋषभनाथ | अशुभ २ | अजितनाथ ३। संभवनाथ ४ अभिनंदन ५ सुमतिनाथ अशुभ पद्मप्रभु सुपार्श्वनाथ चंद्रप्रभु अशुभ वैर सुविधिनाथ अशुभ | मैत्री १० | शीतलनाथ ११ | श्रेयांसनाथ १२ | वासुपूज्य १३ विमलनाथ १४ १५ | धर्मनाथ १६ शांतिनाथ १७ कुंथुनाथ तारा अनंतनाथ $3 मैथुन अशुभ १८ | अरनाथ - १६ | मल्लिनाथ अशुभ २० मुनिसुव्रत २१ नमिनाथ अशुभ २२ नेमिनाथ २३ पार्श्वनाथ २४वर्धमान महावीर श पतिः बुध अशुभ अशुभ अशुभ अशुभ " एकनाथ वर्णः कन्या शुक्र वर्ग क प वैर १॥ कोट INS श्र देयं ० ॥ ० ॥ (2) १॥ 31 मध्यम = 17 शुभ ३॥ मध्यम शत्रु सम अशुभ शुभ A अशुभ स्वगण मध्यम प्रीति अशुभ स्वगण मध्यम " वश्यं विनासिंह धनं " 12 " वृ. क. सभ श्रेष्ठ स्वराशि शुभ अशुभ | श्रेष्ठ मध्यम " श्रेष्ठतर 1 = ₫ स्व 12 मध्यम श्रेष्ठ 11 शुभ अशुभ श्रेष्ठतर अशुभतर मैं शुभ प्रीति .. नक्ष भाद्र ३६ प्राय माद्यषेध वेध बेध बेध वेध शुभ श्रेष्ठतर वेष Z " सुजी मध्य
SR No.008459
Book TitleBruhad Dharana Yantra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherCharitra Smarak Granthmala
Publication Year
Total Pages112
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size2 MB
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