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________________ ३४ साधक अक्षर - के, कै, को, कौ । योनिः वर्ग: स्वकीयं ७ बिडाल क लभ्यं विरुध्धं ६ २४ उंदिर प नं साध्यं तारा: साध्य नाम ऋषभनाथ अजितनाथ | अशुभ ३ संभवनाथ ४ अभिनंदन ५ सुमतिनाथ पद्मप्रभु सुपार्श्वनाथ चंद्रप्रभु ६ सुविधिनाथ १० ११ १२ | वासुपूज्य १३ | विमलनाथ MY १४ अनंतनाथ धर्मनाथ शीतलनाथ अशुभ श्रेयांसनाथ अशुभ १५ १६ | शांतिनाथ कुंथुनाथ १७ १८ मरनाथ १६ मल्लिनाथ २० मुनिसुव्रत २१ नमिनाथ -- २२ | नेमिनाथ - २३ पार्श्वनाथ २४ | वर्धमान महावीर 27 शि मिथुन अशुभ अशुभ अशुभ श्रीवृदु धारणायंत्र । पति: एकनाथ बुध कन्या स्वा वैर वयं शुद्र 教 वैर वैर वैर वैर विशोषक 3 १॥ १॥ o ده देयं • ~ 20 Po १॥ १॥ ना (१) १॥ वश्यं विनासिंहं धनं गणः देव राक्षस मध्यम 2.1. स्व 35 소 वैर मध्यम स्व वैर मध्यम स्व 23 चैर स्व वेर 29 मध्यम राशि मिथुन नाडी आद्य क० आद्यवेध सम श्रेष्ठ स्वराशि: " शुभ श्रेष्ठतर शुभ श सम " प्रीति मध्यम श्रेष्ठ " अशुभतर शुभ श्रेष्ठ = शुभ प्रीति शुभ भष्ठतर "" एकभं मतनं पुनर्वसु वेध वेध बेध शुभ श्रेष्ठतर | वेध वेध वेध युजि मध्यम
SR No.008459
Book TitleBruhad Dharana Yantra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherCharitra Smarak Granthmala
Publication Year
Total Pages112
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size2 MB
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