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________________ CREEP लोकप्रिय थे। अत: राजा ने उसे राजपाट सौंप दिया। इससे दुःखी होकर बड़ा भाई जयवर्मा दुखी होकर विरक्त हो गया और अपने भाग्य को कोसते हुए स्वयंप्रभ मुनिराज के निकट जाकर तप करने लगा। एकबार विद्याधर की विभूति देखकर उसने ऐसा निदान किया कि मुझे भी आगामी भव में इन विद्याधरों जैसा महान | वैभव प्राप्त हो । वह ऐसा विचार कर ही रहा था कि एक भयंकर सर्प ने उसे काट लिया और वह भी निदान | पूर्वक मरकर महाबल विद्याधर हुआ है। पूर्व संस्कार के कारण वह अभी तक भोगों में आसक्त रहा है, परन्तु हे मंत्री ! अब तुम्हारा उपदेश पाकर वह शीघ्र ही भोगों से विरक्त होगा। | हे मंत्री! सुनो, आज ही तुम्हारे राजा ने दो स्वप्न देखे हैं; पहले स्वप्न में उसने ऐसा देखा है कि तीन दुष्ट मंत्रियों ने उसे बलात् भारी कीचड़ में फंसा दिया है; परन्तु तुम उसे कीचड़ में से बाहर निकाल रहे हो और सिंहासन पर बिठाकर उसका अभिषेक कर रहे हो। दूसरे स्वप्न में राजा ने अग्नि की तीव्र ज्योति को क्षण-क्षण क्षीण होते देखा है। यह दोनों स्वप्न देखकर वह राजा तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है। कुछ पूछने से पूर्व ही तुम्हारे मुँह से दोनों स्वप्न और उनका फल सुनकर वह राजा आश्चर्यचकित होगा और वह निस्सन्देह तुम्हारे वचनों को स्वीकार करके जैनधर्म में अतिशय प्रीति करेगा । उसने जो पहला स्वप्न देखा है, वह उसके आगामी भव में प्राप्त होनेवाली स्वर्ग की विभूति का सूचक है और दूसरा स्वप्न सूचित करता है कि अब उसकी आयु एक मास ही शेष है। इसलिए हे भद्र! उसके कल्याणार्थ तुम शीघ्र प्रयत्न करो।" ऐसा कहकर स्वयंबुद्ध मंत्री को आशीर्वाद देकर वे दोनों मुनिवर आकाशमार्ग से विहार कर गये। मुनिवरों के वचन सुनकर स्वयंबुद्ध मंत्री शीघ्र ही महाबल राजा के पास आया। राजा स्वप्नों की ही चिन्ता में था, इतने में मंत्री ने उसके दोनों स्वप्न और उसके फल की बात कह सुनाई और जिनधर्म के सेवन का उपदेश दिया कि "हे राजन् जिनेन्द्रदेव द्वारा कहा हुआ धर्म ही समस्त दुःखों की परम्परा का छेदन करनेवाला है, इसलिए उसी में अपनी बुद्धि लगाओ और उसका पालन करो; क्योंकि अब आपकी आयु मात्र एक मास ही शेष है। . Alcal_c.
SR No.008374
Book TitleSalaka Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2004
Total Pages278
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size765 KB
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