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________________ करनेवाला मयूर अत्यन्त उच्च स्वर से शब्द करने लगेगा। तेरे उद्यान में जो मणिमयी वापिका सूखी पड़ी ॥ है वह उसके आगमन के समय कमलों से सुशोभित जल से भर जावेगी। तुम्हारा शोक दूर करने के लिए शोक दूर होने की सूचना देनेवाला अशोकवृक्ष असमय में ही अंकुरित और पल्लवित होने लगेगा। तेरे यहाँ जो गूंगे हैं, वे तभी तक गूंगे रहेंगे जब तक कि प्रद्युम्न दूर है। उसके निकट आते ही वे गूंगापन छोड़ देवेंगे। इन प्रकट हुए लक्षणों से तू पुत्र के आगमन का समय जान लेगी। इसप्रकार नारद के हितकारी वचन सुनकर पुत्र के स्नेहवश रुक्मणी के स्तनों से दूध झरने लगा। श्रद्धापूर्वक प्रणाम कर रुक्मणी ने कहा - हे मुने ! हे नाथ ! मैं पुत्र के विरह की शोकाग्नि में जल रही थी। आपने पुत्र के समाचार रूप शीतल जल से मेरे शोक की ज्वाला शान्त कर दी । अब मुझे विश्वास हो गया है कि मेरे रहते मुझे अवश्य ही पुत्र प्राप्त होगा। अब आप इच्छानुसार जाइए और मुझे आपका दर्शन फिर भी प्राप्त हो इस बात का ध्यान रखिए। इसप्रकार नारद से निवेदन कर रुक्मणी ने उन्हें प्रणाम किया और नारद आशीर्वाद देकर चले गये। तदनन्तर रुक्मणी शोक छोड़ श्रीकृष्ण की इच्छा को पूर्ण करती हुई पूर्व की भांति रहने लगी। यहाँ कुमार प्रद्युम्न और शम्भू के पूर्वभवों का वर्णन है, जिसमें उनके मनुष्य से देव, देव से मनुष्य, फिर मनुष्य से देव और देव से मनुष्य और पुन: मनुष्य से देव और देव से मनुष्य होने का चरित बताया गया है तथा यह भी बतया गया है कि दोनों अन्त में मोक्ष के अभ्युदय को प्राप्त करेंगे; इसलिए जिनशासन में भक्ति रखनेवाले भव्यजन इस चरित का अच्छी तरह आचरण करें - ध्यान से पढ़ें-सुने और पाप त्याग कर धर्माचरण द्वारा अपना जीवन सफल करें। सत्यभामा के पुत्र भानुकुमार के व्यक्तित्व की एवं श्रीकृष्ण द्वारा जाम्बवती के हरण की चर्चा करते हुए कहा है कि - रानी सत्यभामा का पुत्र सूर्य के प्रभामंडल के समान देदीप्यमान था । इसीकारण उसका नाम 'भानुकुमार' रखा गया था। प्रात:काल के सूर्य की किरणों के समान 'भानुकुमार' का तेज ज्यों-ज्यों बढ़ रहा था, त्यों-त्यों सत्यभामा का मान भी बढ़ता जा रहा था।
SR No.008352
Book TitleHarivanshkatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2006
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size794 KB
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