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________________ ५९ अलाभ राजर्षि सामान्य शब्दो नरजाति दुम ( दुम ) द्रुम-झाड नह (नभस्) नभ-आकाश भमर (भ्रमर) भमरो महादोस (महादोष) महादोषरस (रस) रस मोटो दोष जणय (जनक) जनक-पिता नास (नाश) नाश साव (शाप) शाप-श्राप नास (न्यास) न्यास-थापण भारहर (भारहर) भार लइ जनार सूअर (शूकर) शूकर-भुंड -मजूर काल (काल) काल-समय लाह ) (लाभ) लाभ-लावो । खत्तिय (क्षत्रिय) क्षत्रिय लाभ नमिराय (नमिराज) नमिराजअलाह। (अलाभ) अलाभ-अप्राप्ति ते नामनो मिथिलानो एक कयविक्कय (क्रयविक्रय) खरीदर्बु -वेचQ-क्रयविक्रय करवो पमाद (प्रमाद) प्रमाद-असावधानता जम्म (जन्मन्५९)जन्म -आळस छत्त (छात्र) छात्र-विद्यार्थी संग (संग) संग-सोबत वद्धमाण (वर्धमान) वर्धमान असमण (अश्रमण) श्रमण नहि ते ___ महावीरनुं नाम तेअ (तेजस्) तेज एरावण (ऐरावण) ऐरावण-मोटो तस (चरा) त्रास पाी गति ___ करी शके देवा प्राणी हाथी लोअर (लोक) लोक-जगत्- लोको थावर (स्थावर) स्थिर रहेनार-गति लोग। __ न करी शके ते प्राणीमहत्त (मुहत) मुरत-बखत-थोडो वनस्पति वगेरे. समय-मोडं पव्यय (पर्वत) पर्वत ५९ शब्दना अंत्य व्यजननो लोप थाय छः । जन्मन् जम्म. तमस तम. यावत् जाव. तावत्-ताव.
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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