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________________ ३९ धातुओ घड् ( घट ) घडवू-बनावQ सोह् (शोध) शोध-सोवु-शुद्ध करतुं जहा (जहा) छोडवु-त्याग करवो परि+कम् (परि+कम् ) परिक्रमण जागर् (जागर) जागवू ___ करवु-परकमवु-प्रदक्षिणा फरवी भक्ख् (भक्ष) भक्षवू-खावु-भरखवू इच्छ (इच्छ) इच्छयूँ जाय (जाय) जावं-जन्म थवो- रक्ख (रक्ष) राखq-पाळg उत्पन्न थर्बु वह (वह) वहेवु-वावु विशेषण लंब (लम्ब) लांबू बन्झ (बाह्य) बहार--बहारनो लण्ह (श्लक्ष्ण) नान देखाव अव्यय न (न) न सह ४३(सह) सह-साथे व (वा) वा-अथवा-के सद्धिं (सार्धम्) निश्चं। विना (विना) विना सया । (सदा सदा-हमेशा ४२विणा । (विना) विना णिचं (नित्यम् ) नित्य सह (सदा) सदा-हमेशा वैरथी वैर वधे छे मांसने माटे सिंहने हणो छो नगरनी पडखे चंदननुं वन छ | दांतो माटे हाथीओने मारे छे सिंह के वाघथी शिआळ | लांबा पुरुषतुं पण हृदय बीए छे । नानुं होय छे ४२ 'विणा' के 'विना'नी साथे आवता नामने बीजी, त्रीजी के पांचमी विभक्ति लागे छे. मेहं विणा. मेहेण विणा. मेहाउ विणा. ४३ 'सह' के 'सद्धि' नी साथे आवता नामने त्रीजी विभक्ति लागे छे. बुद्धण सह. महावीरेण सद्धि.
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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