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________________ रुस्स् , निंद। (निन्द) निंदवू-निंदा । नस्स् , (नश्य) नाश थवो निन्द करवी । नास् सुस् । (शुष्य)२३ शोषवु गेण्ह (गृह्णा) ग्रहण करवू सुस्म् सुकावु नच्च (नृत्य) नाचवू सुण् । (शृणु)२४ सुणवूहण कुण (कृणु) कर, सुमर् (स्मर) स्मरण कर- रूस् । (रुष्य) रूसवु-रोष करवो याद कर गच्छ् (गच्छ) गति करवी-जवू । हण् (हन् ) हणवू-मार सार अने प्रश्नो १ पु० वंदमि, वंदामि, वंदेमि | वंदमो, वंदामो, वैदिमो, वंदेमो वंदेज्ज, वंदेज्जा वंदमु, वंदामु, वदिमु, वंदेमु . वंदम, वंदाम, वंदिम, वंदेम वंदम्ह, वंदाम्ह, वंदिम्ह, वंदेह वंदेज्ज, वंदेज्जा २३ जुओ टिप्पण ७ मुं [ यादी-ज्यां श् ष के स् साथे 'य' 'र' 'व' 'श' 'ष' के 'स' नो संयोग होय त्यां 'य' वगेरेनो लोप थतां बाकी रहेला श ष के स् बेवडाता नथी; किंतु तेमनी पूर्वनो ह्रस्व स्वर दीर्घ पण थाय छे. जेमकेः-- शुष्य-सूस् अथवा सुस्स् । विष्वाणः-वीसाणो अथवा विस्साणो रूष्य-रूस् अथवा रुस्स् इष्वासः-ईसासो , इस्सासो नश्य-नाम् अथवा नस्स । आस्यम्-आसं अथवा अस्सं विश्वासः-वीसासो अथवा विस्सासो । सस्यम्-सासं अथवा सस्सं अश्वः-आसो अथवा अस्सो २४ 'श्' के ए ने बदले 'स' नो ज व्यवहार थाय छे. जेमके:शुष्कम्-सुक्कं. दोषः-दोसो. नाशः-नासो. नश्य-नस्स्, पश्य-पस्स्.
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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