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________________ सर्व वचन / ज, जा पाठ ३ जो वर्तमानकाळ [चालु सर्व पुरुष । ६ आ बे प्रत्ययो धातु मात्रने सर्व पुरुष अने सर्व वयनमा लागे छे. अने तेमनी पूर्वे आवेला अंगना अन्त्य 'अ नो 'ए' थाय छे. जेमके:वंद्+अ-वंदन-वंदेज. वंद्+अ-वंद+जा-वंदेजा वदेजर हुं वांदुं छु, अमे वांदीए छीए वंदेजा।पटल तुं वांद छ, तमे वांदो छो ते वादे छे, तेओ वांदे छे धातुओ वा (दा) देवू ठा (स्था) स्थिर रहेQ । खा (खाद ) खाई पा (वा) वायु ऊभा रहेवु-बेसी रहेg | हा (हा) हीण थर्वपा (पा) पीवु झा (ध्या) ध्यावं तजदूं गा (गा) गावं धा (धाव् ) धावू- बू (ब्रू) बोलवू जा (या) जावू दोड हो [भू] होवु-यई ७ पुरुषबोधक प्रत्ययो लगाडतां पहेलां अकारान्त सिवायना स्वरांत धातुओने विकरण 'अ' विकल्पे लागे छे. जेमके:-खा+इ-खा+अ+इ=खाअइ, खाइ. धा+इ-धा+अ+E-धाअइ, धाइ. ८ पुरुषबोधक प्रत्ययो लगाडतां पहेलां स्वरांत धातुओने 'ज' अथवा 'जा' विकल्पे लागे छे. जेमके:होइ-हो+न+इ-होजर, होइ. होइ-हो+जा+इ-होजाइ, होइ.
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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