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________________ २४० वेव ( वेप् ) वेप-कंप-धूणवू । सिज्ज् (स्विय) सीजवू, चीकj वोच्छ (वक्ष्य) कहेवू-बोलवू __थवं, स्वेद-परसेवावाळा थq समायर् (सम्-आ+चर) आचरण सिस् (सिध्य) सीझवू-सिद्ध थर्बु कर सिलाह (श्लाघ) सराहवं- वखाणवू समारअ (सम्-आ+रच्) समार- सिव्व् (सिव्य) सीवq समुं कर सिह। (स्पृह) स्पृहा करवी समारंभ् (सम्+आ+रभ) समारंभ पिहे। करवो, हणवू सिंच (सिञ्च) सींचQ सर (स्मर) स्मरण करवू सुण् । (शणु) सुणवं-सांभळवू सव् (शप) शापवं, शाप देवो सुमर् (स्मर) स्मरण कर संघ (सं+ख्या) कहेवू सू] (द्) सूड, नाश करतो संजम् (सं+यम) संजमवू, संयम सूर ) करवो सस् । (शुष्य) शोषवु-मुकावू संजल् (सं+ज्वल्) बलवं, कोप । करवो सेव् (सेव) सेवQ-धारण करसंदिस् (सम्-दिश्) सन्देशो आश्रय लेवो __ आपवो-सूचन करवू सोच्छ (श्रोष्य) सांभळ, संपज्ज (सं+पद्य) संपजq-सांपडवू सोह (शोध) शोधq-सोवु-शुद्ध कर संपाउण् (सम्-प्र+आप्नु) सारी सोह (शुभ) सोहq-शोभq रीते पाम, हण् (हन्) हणवू-मार संबुज्झ् (सं+बुध्य) समजवू हरिस् (हर्ष) हरख-हर्ष थवो संम्हर् (स+स्मर) संभावं, याद हस् (हस) हसवू ___ करवू हिंस् (हिंस) हिंसा करवी-हणवू संवड (सं+वध) संवर्धन करवं, हा (हा) हीण थq-तजवू पोष, साचवq । हो (भू) होवू, थर्बु
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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