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________________ २३७ ने । (नी) लइ जवू-दोखु । परिचय ( परि+त्यज ) परित्याग. करवो पक्खाल् (प्र+क्षाल) पखाळg-धोवू परितप्प् (परि+तप्य) परिताप पगम्भ् (प्र+गल्भ) प्रगल्भ थq पामवो-दुःखी थq बडाई मारवी परिदेव् (परि+दिव) खेद करवो पञ्चप्पिण (प्रत्यर्पण-प्रति+अर्पण) । परिनिव्वा (परि+नि+वा) शान्त पार्छ सोंपवू कवु-ओलवq. पजर (प्र+उत्+चर्-प्रोच्चर) कहेवू परिव्वय (परि+वज) परिव्रज्या पट्टव् (प्र+स्थाप् ) पाठवq लेवी-बंधनरहित थइने चारे पड् (पत) पडवू कोर फरवू पडिकल (प्रति+कूल) प्रतिकूल परिहर् (परि+हर) परह-तजवू थर्बु-विपरीत थर्बु पडिनी (प्रति+नी) पार्छ देवू परिहा (परि+धा) पहे ___सामु देवु-बदले देवू पवय् (प्र+वद) वदवू-कहेवू पडिवज्ज् (प्रति+पद्य) पामबुं- . पवन (प्र+वस्) प्रवास करवो स्वीकार पहार (प्र+धार) धार-संकल्प पद् (पठ) पाठ करवो-पढवू करवो पणाम् (प्र+णाम) आपवु-सेवामां पा (पा) पीवं रजु करQ पाव (प्र+आप ) पामकुं-प्राप्त करवू पन्नव (प्रज्ञापय) जणावयु पास् । (पश्य) जोवू पमाय् (प्र+माद्य) प्रमाद करवो । पस्स् पमुच्च् (प्र+मुच्य) प्रमुक्त थq-. पिज्ज् (पीय) पीवू तद्दन छूटी जर्बु पयल्ल् (प्र+सर्) फेल, पिट्ट (पिट्ट) पीटवू-मारवु-पीडबुं परिआल् (परिवार) परिघृत कर, पिसुण् (पिशुनय) चाडी करवी -वीटQ । पील् । (पीड) पीडवू-पीलg परिकम् ( परि+कम् ) परिक्र पीड मण कर-परकमवू- | पुच्छ् (पुच्छ) पूछर्बु प्रदक्षिणा फरवी । पुज्ज् (पूर्व) पूवं-पूग .
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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