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________________ -मास -मास (मास) महीनो - मिलिच्छ ( म्लेच्छ) म्लेच्छ मुइंग ( ( मृदङ्ग) मृदंग मिरंग मुग्गर ( मुद्गरक ) मगदळ - मोगरी मुणि ( मुनि) मुनि-मनन करनार मौन राखनार - संत मुब्भ ( मोभ मोब्भ) मुहुत्त ( मुहूर्त ) मूरत - वखत - थोडो समय मूअ मूक भूग (मूक) मूंगो मूसअ ( ( मूषक) मूषक - उंदर भूसय मेरामण ( मेरा + मतु - मेरा +मण) मेह (मेघ) मे - मेघ - वरसाद मेहावि ( मेधाविन् ) मेधावाळो महरामण - समुद्र बुद्धिमान् मोक्ख (मोक्ष) मोक्ष - छूटकारो मोचिअ ( मौचिक) मोची - मोजां सीवनार मोर मयूर } (मयूर) मोर - मयूर २०४ मोह (मोह मोह - मूढता मोहणदास ( मोहनदास) ते नामनो वीर पुरुष - मोहनदास गांधी रट्ठकूड ) ( राष्ट्रकूट) राठोड धम्म ( राष्ट्रधर्म) राष्ट्रनो धर्मसमग्र देश हित करनारी प्रवृत्ति रण्णवास (अरण्यवास ) अरण्यमां वस - वनमा रहे रफ राफst वय रवैयो रस (रस) र रस्सि (रश्मि) राश - बळदनी के घोडानी राश राग (राग) राग - आसक्ति रायरिसि ( राज + ऋषि) राजर्षि रिच्छ (ऋक्ष) छ रिसि) (ऋषि) रुषि इसि । रुक्ख (वृक्ष) रुख - झाड लाह लाभ (लाभ) लाभ-लावो लेहसालिअ (लेखशालिक) निशा ळीओ-निशाळे भगवा जनार लोअ ( (लोक) लोक-जगत - लोग } लोको
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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