SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 210
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नवणवर एगणासीह (एकोनाशीति) ओग- | अटुणवह . ण्याएंशी-अगण्याशी अट्ठाणवह (अष्टनवति) अट्ठा) अडणवह ) असीह (अशीति) अंशी पगासीह (एकाशीति) एकाशी णवणवह (नवनवति) नव्या) बासीह (द्वयशीति) बाशी एगूणसय (एकोनशत) , तेसिह (त्र्यशीति) त्राशी-त्र्याशी सय (शत) सो चउरासीह । (चतुरशीति) बोरासीर । चोर्याशी दुसय । (द्विशत) वसो बिसय पणसीह । (पञ्चाशीति) पश्वासीह पंचाशी बे सयाई (द्वे शते) बसो छासीर (षडशीति) छाशी तिसय (त्रिशत) त्रणसो सत्तासीर (सप्ताशीति) सत्याशी तिणि सयाई (त्रीणि शतानि) भट्ठासीर (अष्टाशीति) अठ्याशी त्रणसें नवासीर (नवाशीति) नेवाशी चत्तारि सयाई (चत्वारि शतानि) पगूणनवड (एकोननवति) , ___ चारसें इत्यादि नवर (नवति) नेवू सहस्स (सहस्र) हजार एगणवह ) (एकनवति) दससहस्स । (दशसहस्र) दशगणवा एका दहसहस्सा हजार एगाणवर ) अयुत । (अयुत) " बाणवर (द्विनवति) बाणुं अयुअ ) तेणवह (त्रिनवति) त्राणुं लक्ख (लक्ष) लाख चउणवई ।(चतुर्नवति) चोराणुं दसलक्ख । (दशलक्ष) दस लाख चोणवा. दहलक्ख । पण्णणवा पञ्चणवइ (पञ्चनवति) पंचागुं पयुअ (प्रयुत) दस लाख पयुत । पश्चाणवह) छण्णवह (षण्णवति) छन्नुं कोडि (कोटि) कोड सत्तणवइ । (सप्तनवति) सत्तागुं कोडाकोडी (कोटाकोटि) कोडासत्ताणवह नुकोड ૧૩
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy